crime उत्तराखण्ड

साथ छूटने के डर से प्रेमिका की हत्या कर फंदे से लटका प्रेमी

देहरादून। प्यार में धोखा मिलने से आहत प्रेमी ने पहले प्रेमिका को मौत के घाट उतारा फिर खुद भी फांसी लगा ली। प्रेमी ने पहले कलाई काट कर खुदकुशी करने की कोशिश की थी, लेकिन उससे मौत नहीं हुई। प्रेमी कोतवाली क्षेत्र का है, जबकि युवती डीएल रोड की रहने वाली है। दोनों के परिजन देर रात मौका-ए-वारदात पर पहुंच गए थे।

युवक की पहचान कृष्णा निवासी नहर वाली गली, पलटन बाजार, कोतवाली और युवती की पहचान कशिश निवासी डीएल रोड के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार राजपुर थाना क्षेत्र के कैनाल रोड पर आईपीएस कॉलोनी से पहले इन्फीनिटी एनक्लेव के तीसरे माले पर कृष्णा के जीजा परमवीर सिंह का फ्लैट है।

कृष्णा मंगलवार शाम कशिश को लेकर फ्लैट में पहुंचा। करीब साढ़े आठ बजे परमवीर ने कृष्णा को फोन करना शुरू किया तो वह फोन रिसीव नहीं कर रहा था। परमवीर फ्लैट पहुंचा तो मेन डोर अंदर से लॉक था। कई बार आवाज लगाने पर भी जब भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो परमवीर ने मेन डोर का लॉक तोड़ दिया।

भीतर जाते ही फर्श पर खून से बने से कदमों के छाप देख कर उसके होश उड़ गए। फ्लैट के भीतर का एक कमरा भी अंदर से लॉक था। परम ने रोशनदान से भीतर झांककर देखा तो उसके होश उड़ गए। कशिश बेड पर अचेत पड़ी थी, जबकि कृष्णा पंखे से बंधे तार से लटक रहा था।

परम ने कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद एसपी क्राइम लोकेश्वर सिंह, सीओ मसूरी बहादुर सिंह चौहान व एसओ राजपुर फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। कमरे का दरवाजा तोड़कर कृष्णा के शव को नीचे उतारा गया।

प्रारंभिक जांच और मौका-ए-वारदात से मिले साक्ष्यों से पुलिस का मानना है कि कृष्णा ने पहले कशिश को गला दबाकर मारा होगा या फिर तकिये से मुंह दबाकर उसकी सांस रोक दी होगी। इसके बाद उसने अपने बांये हाथ की कलाई को काटकर खुदकुशी करने की कोशिश की। काफी खून बहने के बाद भी जब उसकी मौत नहीं हुई तो वह किचन के पास रखे टूल बाक्स से तार निकालकर कमरे में वापस आया और पंखे से फंदा बनाकर लटक गया।

देर रात खबर मिलने पर कृष्णा की मां व बहनों समेत कई रिश्तेदार मौके पर पहुंच गए थे। सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। बताया जा रहा है कि दोनों में काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन इधर कुछ दिनों से दोनों में दूरियां बढ़ने लगी थीं।

इतना प्यार कि साथ छूटने के डर में उठाया खौफनाक कदम

प्यार का ऐसा खौफनाक अंत, जिसकी अब तक पता चली दास्तां रोंगटे खड़े कर देने वाली है। इन्फीनिटी एनक्लेव के भीतर का नजारा तो दिल दहला देने वाला था। बेड पर पड़ी कशिश की लाश और फंदे से लटकते प्रेमी कृष्णा के हाथ की कलाई से टपकता खून, जो यह बताने को काफी था कि इस कमरे के भीतर कुछ तो ऐसा हुआ होगा, जिसने कृष्णा के प्यार को इस हद की नफरत में बदल दिया। जिस कशिश के बिना कृष्णा जिंदगी की कल्पना भी नहीं करता था, उसे ही हमेशा-हमेशा के लिए खामोश कर दिया।

कृष्णा (23) और कशिश (19) के बीच आखिर ऐसा क्या हो गया था कि जिसके चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया। सवाल कई हैं, जिनके जवाब ढूंढने की पुलिस कोशिश कर रही है। मगर कृष्णा और कशिश के बारे में अब तक जो कुछ सामने आया, उसके आधार पर पुलिस को संदेह है कि कशिश का संग छूटने के डर से कृष्णा ने यह खौफनाक कदम उठाया।

इन्फीनिटी एनक्लेव के फ्लैट से कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला, लेकिन दोनों के परिवार वालों से पूछताछ में अब तक जो बात सामने आई है, उसके अनुसार कृष्णा और कशिश दोनों ही एक-दूसरे पर जान छिड़कते थे। यह बात दोनों के घर वालों को पता थी। सीओ मसूरी बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि परिजनों से बातचीत में पता चला कि तीन दिन पहले कृष्णा ने कशिश को किसी और लड़के से बात करते देख लिया था।

इसे लेकर दोनों तकरार भी हुई थी। तब कृष्णा ने कशिश से कहा था कि वह उसके बिना जिंदा नहीं रह पाएगा। माना जा रहा है कि कृष्णा कशिश को फ्लैट पर इसी मामले पर बातचीत करने के लिए लाया होगा। यहां कुछ ऐसा हुआ होगा, जिससे कृष्णा अपना आपा खो बैठा।

जीजा के साथ काम करता था कृष्णा

परमवीर का कंस्ट्रक्शन का कारोबार है और रेस्टोरेंट भी चलाता है। कृष्णा उसी के साथ रहता है। परम ने ही पुलिस को बताया कि कृष्णा और कशिश एक दूसरे पर जान छिड़कते थे।

मेरा बेटा ठीक तो है ना

अनहोनी की खबर मिलते ही कृष्णा की मां बेटियों के साथ मौके पर पहुंच गई। मगर तब तक उन्हें किसी ने नहीं बताया था कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। फ्लैट से बाहर निकलने वाले हर शख्स को वह रोक कर पूछतीं कि मेरा बेटा ठीक तो है ना।

खुदकुशी को टूल बाक्स से निकाला तार

हाथ की कलाई कटने के बाद भी जब मौत नहीं हुई तो खून से लथपथ कृष्णा किचन के पास ड्राइंग रूम में आया। वह रस्सी की तलाश कर रहा था। मगर जब उसे रस्सी नहीं मिली तो टूल बाक्स से तार निकाला और वापस कमरे में लौट गया। खून से सने कदमों से बने छाप इसी ओर से इशारा कर रहे थे।

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