देहरादून। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में उत्तराखंड के भी दो जवान शामिल हैं। एक जवान उत्तरकाशी का, जबकि दूसरा उधमसिंह नगर जिले के खटीमा का रहने वाला था।
गुरुवार सुबह जम्मू से चले सीआरपीएफ के काफिले में 60 वाहन थे, जिनमें 2547 जवान थे। दोपहर करीब सवा तीन बजे जैसे ही काफिला जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोरा) के पास पहुंचा, तभी अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी और आत्मघाती कार चालक ने सीआरपीएफ की 54वीं वाहिनी की बस को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही धमाका हो गया। इससे बस के परखच्चे उड़ गए। इसमें जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में उत्तराखंड के भी दो जवान शामिल हैं।
शहीद वीरेंद्र सिंह उधमसिंह नगर जिले के खटीमा के मोहम्मदपुर भुढ़िया गांव के रहने वाले हैं। इनके दो छोटे बच्चे है। गुरुवार रात करीब नौ बजे सेना के एक अधिकारी ने उकनी पत्नी को फोन पर शहादत की जानकारी दी है। इसके बाद से घर में कोहराम मचा गया। शहीद वीरेंद्र सिंह राणा के पिता दीवान सिंह है। शहीद वीरेंद्र सिंह के दो बड़े भाई ( जय राम सिंह व राजेश राणा) हैं। जयराम सिंह बीएसएफ के रिटायर्ड सूबेदार हैं, जबकि राजेश राणा घर में खेती बाड़ी का काम देखते हैं। शहीद वीरेंद्र सिंह के बहनोई रामकिशन ने बताया कि वीरेंद्र के दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी 5 साल की, जबकि ढाई साल का बेटा है। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र दो दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी बिताने के बाद जम्मू के लिए रवाना हुआ था।
वहीं, दूसरा शहीद जवान मोहन लाल रतूड़ी उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड के बनकोट का रहने वाला है। बनकोट निवासी जिला पंचायत सदस्य जोगेंद्र रावत ने बताया कि मोहन लाल रतूडी (55) शहीद हुए हैं। वर्तमान में मोहन लाल का परिवार देहरादून डिफेंस कालोनी में रहता है। मोहन लाल सीआरपीएफ की 76 वीं वाहिनी में एएसआइ थे।