उत्तराखण्ड

नदी भूमि के आवंटन को निरस्त करने के लिए 30 जून तक का समय

देहरादून। नदी श्रेणी की भूमि के आवंटन निरस्त करने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट ने राजस्व सचिव को 30 जून तक का समय दिया है। यह कार्रवाई के लिए अंतिम अवसर भी है, क्योंकि इससे पूर्व के आदेश में 10 नवंबर तक आवंटन निरस्त करने के लिए कहा गया था। हालांकि, राजस्व सचिव के आग्रह पर समय अवधि को बढ़ाया गया है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायाधीश मनोज कुमार की पीठ ने नदी श्रेणी की भूमि लोगों के नाम करने संबंधी मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किए। हाई कोर्ट ने इससे पहले 10 अगस्त 2018 को आदेश जारी कर तीन माह के भीतर नदी श्रेणी की भूमि आवंटन पर सर्वे कराकर उन्हें निरस्त करने के आदेश दिए थे।

तत्कालीन राजस्व सचिव विनोद रतूड़ी ने इस पर जिलाधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा था और यहां से उपजिलाधिकारियों को पत्र भेजे गए थे। हालांकि, अधिकारियों ने इस मामले में हीलाहवाली बरती। यही वजह है कि नदी श्रेणी (नदी, नाले, तालाब, जोहड़ आदि) की भूमि कहीं बिल्डरों के कब्जे में है तो कहीं उस पर फ्लैट खड़े हो गए हैं।

अब जब कोर्ट ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तो वर्तमान राजस्व सचिव सुशील कुमार का कहना है कि जिलाधिकारियों को इस बाबत पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि इस दफा किसी भी तरह की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रशासन की टीम ने किया गोलमाल

शिमला बाईपास रोड स्थित आसन नदी की भूमि के एक हिस्से पर किए गए आवासीय परियोजना के निर्माण पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की अध्यक्षता में गठित टीम ने जांच की थी। हालांकि, इसमें फसली वर्ष 1345 के हिसाब से रिकॉर्ड की जांच न कर बाद के सेटेलमेंट के आधार पर सर्वे किया गया।

इसमें बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए नदी के रकबे को यथावत बताकर परियोजना को क्लीन चिट दे दी गई, जबकि मूल रिकॉर्ड को देखा जाता तो पता चल पाता कि नदी के रकबे में से ही जमीन का आवंटन कई लोगों के नाम पर किया गया है। हालांकि, अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस परियोजना पर गाज गिरनी तय है।

आपदा प्रबंधन को ही दे दी नदी भूमि

जिस आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पर लोगों को आपदा से बचाने की जिम्मेदारी है, उसके कार्यालय के निर्माण के लिए ही नदी श्रेणी की भूमि का आवंटन कर दिया गया। झाझरा में खसरा नंबर 1171क में 3.5 हेक्टेयर भूमि प्राधिकरण के नाम आवंटित कर दी गई है। अब कोर्ट के आदेश के बाद भूमि का आवंटन निरस्त करने की तैयारी की जा रही।

Related posts

पूर्व सीएम हरीश रावत की छवि धूमिल करने का आरोप, कांग्रेस ने सीईओ से की शिकायत

Anup Dhoundiyal

मरीजों की समझें पीड़ा, सरकारी चिकित्सालयों में अनावश्यक रेफरल स्वीकार नहीः डीएम  

Anup Dhoundiyal

हरीश रावत व कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार की जननीः कैंथोला

Anup Dhoundiyal

Leave a Comment