उत्तराखण्ड राजनीतिक

देवभूमि में मौसम ने बिगाड़ा सियासी मिजाज, कार्यक्रमों में करना पड़ा बदलाव

देहरादून। उत्तराखंड में सोमवार को मौसम के अचानक बिगड़े मिजाज ने सियासतदां के कदम ठिठकाए तो चुनाव की तैयारियों में जुटे निर्वाचन आयोग की पेशानी पर भी बल डाल दिए। मौसम के तल्ख तेवरों ने सियासी मिजाज का जायका भी बिगाड़े रखा। कहीं चुनावी सभाएं स्थगित करनी पड़ीं तो कहीं यह विलंब से जैसे-तैसे शुरू हो पाईं। खराब मौसम के कारण केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी अल्मोड़ा नहीं पहुंच पाईं।

यही नहीं, हल्द्वानी से देहरादून आ रहे भाजपा के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मनोज तिवारी के हेलीकॉप्टर को आंधी-तूफान के कारण इमजरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौसम की खराबी की वजह से करीब ढाई घंटे तक चिन्यालीसौड़ में फंसे रहे। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पीएल पूनिया और गुलामनबी आजाद भी चुनावी दौरे पर दिल्ली से उत्तराखंड के लिए उड़ान नहीं भर पाए।

चुनाव प्रचार के लिए अब नौ अप्रैल को शाम पांच बजे तक का ही वक्त शेष है। ऐसे में सियासी दलों ने सोमवार को ताकत झोंकी हुई थी और इसी कड़ी में राज्यभर में तमाम स्थानों पर बड़े नेताओं की सभाएं रखी र्गई थीं। इस बीच सुबह के वक्त मौसम ने अचानक करवट बदली और तमाम क्षेत्रों में आंधी-तूफान के साथ ही घटाएं घिरीं और कहीं जोरदार बारिश तो कहीं ओलावृष्टि हुई। बिगड़े मौसम ने सियासी मिजाज भी बिगाड़कर रख दिया, जिससे सियासतदां के माथों पर चिंता की लकीरें भी साफ नजर आईं। कई जगह सभाओं की चिंता सताने लगी तो कुछ स्थानों पर स्टार प्रचारकों का दौरा ही रद करना पड़ा।

सोमवार को अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की जनसभा थी, मगर आंधी तूफान के कारण व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गईं। खराब मौसम की वजह से वह भी अल्मोड़ा नहीं पहुंच पाई। नतीजतन सभा को रद करना पड़ा। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं मौजूदा सांसद मनोज तिवारी को मौसम के बिगड़े मिजाज से दो-चार होना पड़ा। रुद्रपुर में उनकी सभा करीब दो घंटे विलंब से शुरू हुई, जबकि हल्द्वानी से देहरादून आते समय उनके हेलीकॉप्टर को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।

नतीजतन, मौसम साफ होने पर ही उनके हेलीकॉप्टर ने देहरादून के लिए उड़ान भरी। इसके चलते देहरादून में उनकी सभाएं निर्धारित समय से करीब चार घंटे देरी से हो पाईं। उत्तरकाशी क्षेत्र भ्रमण दौरान चिन्यालीसौड़ में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जनसभा संबोधित करने के बाद देहरादून लौटने के लिए जैसे ही हेलीपैड पहुंचे, तभी अचानक मौसम बिगड़ गया। ऐसे में उन्हें करीब ढाई घंटे हेलीपैड के पास बने गेस्ट हाउस में मौसम खुलने का इंतजार करना पड़ा।

दोपहर बाद करीब ढाई बजे उनके हेलीकॉप्टर ने देहरादून के लिए उड़ान भरी। इधर, रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कॉलेज परिसर में निर्वाचन आयोग की तैयारियों में भी खलल पड़ा। तेज हवा से बाहर मैदान में लगाए गए कई टैंट क्षतिग्रस्त हो गए। आंधी से ऋषिकेश के बड़े इलाके में बिजली गुल है। पिथौरागढ़, चंपावत, अलमोड़ा और बागेश्वर में दोपहर को बारिश व ओलावृष्टि से चुनाव प्रचार में खलल पड़ा।

रबी की फसल को नुकसान

मौसम के बिगड़े मिजाज ने जहां सियासी गलियारों में चिंता बढ़ाए रखी, वहीं बारिश, ओलावृष्टि व आंधी-तूफान से रबी की मुख्य फसल गेहूं को नुकसान की भी खबर है। हालांकि, कृषि निदेशक गौरीशंकर ने कहा कि बारिश से तो नुकसान की संभावना ज्यादा नहीं, लेकिन ओलावृष्टि से फलदार पौधों व गेहूं की पकी फसल को नुकसान पहुंचाने की संभावना है।

आज व कल साफ, 11 को पहाड़ में वर्षा के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार मंगलवार और बुधवार को मौसम साफ रहेगा। अलबत्ता, गुरुवार को मतदान के दिन पर्वतीय जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं बारिश और चोटियों पर बर्फबारी की संभावना है।

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