हरिद्वार। बैसाखी पर्व पर हरिद्वार के हरकी पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सुबह से ही गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। इसके साथ ही मंदिरों में रामनवमी पर भगवान राम की पूजा अर्चना की गई।
बैशाखी स्नान का पुण्य काल 14 अप्रैल तड़के से शुरू हो गया। ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री के अनुसार सूर्य के एक डिग्री संक्रमण के कारण इस बार बैसाखी का पर्व 13 अप्रैल की जगह 14 अप्रैल के दिन आया। उन्होंने बताया की ज्योतिष शास्त्रों में सूर्य की जगह ग्रहों की चाल के हिसाब से बदलती रहती है, जिससे या फर्क पड़ा।
हरिद्वार में हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों में सुबह से ही स्नान करने वालों का तांता लगा रहा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मठ मंदिरों के दर्शन किए और पूजन किया। इसके साथ ही उत्तराखंड में अन्य नदियों में भी स्नान करने वालों में उत्साह रहा। बैसाखी पर्व पर कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरिद्वार में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। हर तरह गंगा घाटों पर मां गंगा के जयकारे गूंजते रहे। घंटे घड़ियालों की कर्णप्रिय ध्वनि से हर कोई मंत्रमुग्ध नजर आया।
वहीं रामनवमी पर जगह जगह कन्यापूजन कर व्रत का पारण किया गया। इस बार अष्टमी के दिन दोपहर बाद से राम नवमी शुरू हो गई थी। सनातन हिंदू धर्म में सूर्य उदय के साथ तिथि का आरंभ मानने के कारण इसे रविवार को भी मनाया जा रहा है। इस वजह से तमाम श्रद्धालु रविवार को रामनवमी का पूजन करने के साथ कन्या पूजन कर उन्हें भोजन कराने और उपहार देने का उपक्रम किया। देवी माता के मंदिरों में भी दर्शनों को भीड़ उमड़ी रही।