उत्तराखण्ड

PM Modi in Badrinath: पीएम मोदी ने की बदरी केदार में पूजा, बोले- मैं भगवान से मांगने नहीं आया

बदरीनाथ। केदारनाथ स्थित ध्यान गुफा में करीब 17 घंटे से ज्यादा समय व्यतीत करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की सुबह गुफा से बाहर निकले। इसके बाद उन्होंने केदारनाथ में पूजा अर्चना की। वहीं, पत्रकारों से कहा कि मैं भगवान से मांगता नहीं हूं। मांगना मेरी प्रवृति नहीं है। केदारनाथ में पूजा अर्चना के बाद वह बदरीनाथ धाम पहुंचे। जहां भगवान बदरी विशाल की आराधना की।

चुनावी आपाधापी के बीच सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी उत्तराखंड पहुंचे। यहां केदारनाथ धाम में वह पूरी तरह से आध्यात्मिक रंग में रंगे नजर आए। इस दौरान उन्होंने गर्भगृह में रुद्राभिषेक किया तो मंदिर की परिक्रमा भी की।  दोपहर बाद करीब दो बजे वह साधना के लिए एकांत स्थल की तरफ गए।  मंदिर से 1.5 किलोमीटर दूर ध्यान गुफा में उन्होंने रात बिताई। इससे पहले उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था।

लिया प्रकृति का आनंद 

प्रधानमंत्री मोदी रविवार की सुबह ध्यान गुफा से बाहर आए और उन्होंने गुनगुनी धूप का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने योग भी किया। इसके बाद वह केदारनाथ मंदिर के लिए पूजा अर्चना केे लिए पैदल चल दिए।  इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रकृति के सौंदर्य का भी भरपूर आनंद लिया। ध्यान गुफा  से मंदिर तक के करीब डेढ़ किलोमीटर के रास्ते पर वह कई स्थान पर  रुके। उन्होंने आसपास की पहाड़ियों को निहारा। एक स्थान पर प्राकृतिक स्रोत से उन्होंने पानी भी पिया। साथ ही वह रास्ते में एक बैंच पर भी बैठे।

केदारनाथ में पीएम की सुबह की पूजा की तैयारी के लिए मंदिर में यात्रियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। केदारनाथ धाम पहुंचकर पीएम ने मंदिर में पूजा के लिए प्रवेश किया। यहां उन्होंने भगवान भोले की पूजा अर्चना की। गृभगृह में पूजा के बाद वह बाहर आए और भगवान नंदी की पूजा के साथ ही मंदिर परिसर की परिक्रमा की।

भगवान से मांगना मेरी प्रवृति नहीं 

केदारनाथ में पूजा के बाद जब पीएम मंदिर से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया। बाबा भोले से चुनाव में जीत की मन्नत के सवाल पर पीएम ने कहा कि मैं भगवान से कभी मांगता नहीं हूं। मांगना मेरी प्रवृति नहीं है। भगवान ने मांगने नहीं, देने योग्य बनाया है। ईश्वर ने देने योग्य जो क्षमता दी उसे समाज और देवता को देना चाहिए। समाज देवता और अध्यात्म मिलकर बना है। उन्होंने कहा कि मई व जून में चुनाव भी कड़ी परीक्षा रहती है। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग का भी आभार जताया कि आचार संहिता के कारण उन्हें दो दिन आध्यात्मिक भूमि में आने का सौभाग्य मिला।

केदारनाथ में विकास के मिशन पर हो रहा काम 

पीएम मोदी ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब से ही आपदा के बाद केदारनाथ के लिए कुछ करना चाहते थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें यह सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि यहां बर्फबारी के कारण तीन माह तक निर्माण कार्यों में दिक्कत आती है। इसके बावजूद निरंतर काम चले। यहां के लिए मास्टर प्लान बनाया गया। मैं खुद कार्यों को रिव्यू करता हूं। वीडियो कांफ्रेसिंग से भी यहां की जानकारी लेता रहता हूं। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश यही रहती है कि यहां क्या अच्छा कर सकते हैं। इसके लिए मुझे अच्छी टीम भी मिली है। यहां के लिए प्रकृति, पर्यावण और पर्यटन ही मेरा मिशन है।

गुफा में बिताए पलों का किया जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि कल से ध्यान गुफा में बाहरी दुनियां से अलग भगवान की शरण में रहा। गुफा में एक छेद ऐसा है, जिससे भगवान केदारनाथ मंदिर के दर्शन होते रहते हैं। इस दौरान मैं हिंदुस्तान के वातावरण से बाहर था।

यात्रा तैयारियों की जटिलता को भी समझा 

पीएम मोदी ने कहा कि कपाट खुलने से दो माह पहले ही यात्रा व्यवस्थाओं की तैयारी शुरू हो जाती है। इसमें सैकड़ों लोग जुटते हैं। जो विकट परिस्थितियों में कष्ट उठाकर कार्य करते हैं। इसकी जानकारी भी देश की जनता को होनी चाहिए। ताकि लोग भी इस कार्य से जुड़ें।

बदरीनाथ में की पूजा, मंदिर समिति ने दिया स्मृति चिह्न

इसके बाद पीएम मोदी बदरीनाथ धाम पहुंचे। जहां से वह मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए गए। जहां वह पूजा में शामिल हुए। इसके बाद प्रधानमंत्री सिंह द्वार से बाहर आए। यहां मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने उन्हें स्मृति चिह्न के साथ ही माणा के जनजाति के लोगों के जरिए बनाई गई ऊन की शॉल भेंट की। इसके बाद वह मंदिर समिति के गेस्ट हाउस में गए। यहां उन्होंने मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की।

मंदिर से बाहर निकल लोगों का किया अभिवादन, गूंजे मोदी मोदी के नारे 

बदरीनाथ मंदिर से जैसे ही प्रधानमंत्री बाहर निकले तो उपस्थित लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। इस पर उन्होंने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।  मंदिर समिति के गेस्ट हाउस में कुछ देर रुकने के बाद वह दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गए।

देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनका हेलीकॉप्टर उतरा और वह सेना के विशेष विमान से दिल्ली को रवाना हुए। इस दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रधानमंत्री को दिल्ली के लिए विदाई देने पहुंचे थे ।

Related posts

भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ में 131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये

Anup Dhoundiyal

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शुरू की शीतकालीन चारधाम यात्रा

Anup Dhoundiyal

सीएम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रांे का दौरा कर अधिकारियों को दिये निर्देश

Anup Dhoundiyal

Leave a Comment