(UKReview)देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के साथ कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा की।मुख्यमंत्री ने कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम डेशबोर्ड के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में विभागों को प्रतिमाह जो लक्ष्य मिला है, वह लक्ष्य पूर्ण किया जाय। इसके लिए संबधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना जरूरी है। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिए हर संभव प्रयास किये जायें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संगंध पौध केन्द्र के लोगो का विमोचन भी किया।कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को जो मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा रहे हैं, उनका सही इस्तेमाल हो। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाय कि किसानों को इसका लाभ हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा के लिए जो क्लेम हो रहें हैं, उनका भुगतान जल्द हो। लघु व सीमांत कृषकों तक कृषि यंत्रों की पहुंच हो, इसके लिए फार्म मशीनरी बैंक की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत कृषि को बढ़ावा दिया जाय। परम्परागत फसलों मण्डुवा, सॉवा, रामदाना, गहत के उत्पादन में कैसे वृद्धि की जा सकती है, इसके लिए प्रयास किये जाये। कृषकों को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जाय। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण की जानकारी भी ली।मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका भी आकलन किया जाए कि जमीनी स्तर पर कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में रोजगार की उपलब्धता क्या रही उन्होंने उद्यान विभाग में रिक्त पदों को भरने से पूर्व कृषि एवं उद्यान विभाग में कुल पदों की स्थिति की जानकारी करने के बाद सरप्लस पदों पर भर्ती की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लगभग 85 प्रतिशत लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है। परम्परागत कृषि योजना के तहत सभी 3900 कलस्टरों में कार्य शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत इस वर्ष 69641 के क्लेम का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 5.50 लाख कृषकों को 165.97 करोड़ रूपये का वितरण किया जा चुका है। उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रेशम के उत्पादन व इससे बनने वाले उत्पादों के लिए ग्रोथ सेंटर विकसित किया जाए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। कृषकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सचल दलों को मजबूत करना जरूरी है। कृषि व बागवानी को वन्यजीवों के नुकसान से बचाने के लिए कारगर उपाय तलाशे जाय।
previous post