देहरादून, (UK Review)। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी कहते हैं। केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देशों में भी जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्य रात्र में रोहिणी नक्षत्र में वृष राशि के चंद्रमा पर हुआ था। यह तिथि इस वर्ष 23 अगस्त शुक्रवार को पड़ रही है, सो दून में जनमाष्टमी पर्व का व्रत शुक्रवार को रखा जाएगा। आचार्य डाॅ संतोष खंडूडी के अनुसार जनमष्टामी पर्व शुक्रवार अर्ध रात्रि व्यापिनी अष्टमी में होगा। अष्टमी शुक्रवार सुबह आठ बजकर दस मिनट से शुरू होगी और शनिवार की सुबह साढ़े आठ बजे तक रहेगी। आचार्य डाॅ संतोष खंडूडी के अनसुार भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा और वृंदावन की परंपरा के अनुसार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव उदय तिथि में मनाते हैं, जबकि कुछ अन्य जगहों पर यह अर्ध रात्रि व्यापिनी अष्टमी काल में भी मनाया जाता है। यहां भी जन्मोत्सव और जनमाष्टमी की अलग-अलग स्थितियां हैं। हमारे यहां जनमाष्टमी पर पूजन किया जाता है, इसलिए यहां शास्त्र की विधि के अंतर्गत जनमाष्टमी व्रत व्यापिनी अष्टमी शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। वहीं, जनमाष्टमी मनाने को लेकर दून के मंदिरों में तैयारियां तेज हो गई हैं। चैतन्य गौड़िय मठ से लेकर इस्कॉन मंदिर, श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर और गीता भवन समेत पुलिस लाइन में पंडाल सजाए जा रहे हैं।
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