देहरादून (UK Review) । देहरादून के बहुचर्चित नारी निकेतन दुष्कर्म और गर्भपात के मामले में देहरादून के अपर जिला एवं सत्र की अदालत ने दोषियों को सज़ा सुना दी है। इस मामले में अदालत ने 5 महिलाओं सहित 9 लोगों को सात साल से दो साल तक की क़ैद की सज़ा सुनाई है।बता दें कि यह मामला साल 2015 का है जिसमें देहरादून नारी-निकेतन में रहने वाली मूक-बधिर संवासिनी के साथ नारी निकेतन में ही बलात्कार किया गया था और गर्भवती होने के बाद उसका जबरन गर्भपात भी करवाया गया था।इस मामले के सामने आने के बाद एसआईटी ने केस की जांच की थी और नारी निकेतन में कार्यरत पांच महिलाओं और चार पुरुषों को बलात्कार और साक्ष्य छुपाने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। मामले में लगातार सुनवाई की गई थी। शुक्रवार को अदालत ने सभी अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सज़ा सुनाने के लिए सोमवार का दिन तय किया था। सरकारी वकील संजीव सिसोदिया ने बताया कि मुख्य अभियुक्त गुरुदास को बलात्कार के अपराध में सात साल की कैद और 10,000 रुपये का जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है। उसकी मदद करने के दोष में हाशिम और ललित को 5-5 साल की कैद के साथ 10,000 के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई।कोर्ट ने चार महिला कर्मचारियों चंद्रकला क्षेत्री, शमा निगार, किरन नौटियाल, अनीता मैंदोला को पीड़ित संवासिनी का गर्भपात करने और भ्रूण को छुपाने के अपराध में महिलाओं को तीन धाराओं में सज़ा सुनाई गई हैं। धारा 313 (गर्भपात करवाने) में चार-चार साल की सज़ा, धारा 201 में दो-दो साल की सज़ा और धारा 120 में छहृ-छह महीने की सज़ा सुनाई है। इन्हें 5-5 हज़ार रुपये जुर्माना भी देना होगा।