नैनीताल, (UK Review)। हाई कोर्ट से हरिद्वार जिले के झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को जाति प्रमाण पत्र के मामले में बड़ी राहत मिली है। राज्य स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति ने उन्हें जाति प्रमाण पत्र के मामले में क्लीन चिट दे दी है। समिति ने कहा है कि भाजपा विधायक का जाति प्रमाण पत्र वैध दस्तावेज है। सरकार की ओर से चार सदस्यीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की अदालत में पेश की गयी। मामले की जांच के लिये चार सदस्यीय समिति की बैठक विगत सात सितम्बर को हुई थी। समिति ने सभी दस्तावेजों की जांच के बाद भाजपा विधायक को क्लीन चिट दे दी है।मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी विपिन तोमर की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया था कि विधायक के जाति से संबंधित समस्त प्रमाण पत्र फर्जी हैं। यह प्रमाण पत्र गलत तरीके से हासिल किए गए हैं। कर्णवाल उत्तराखंड के नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मूल निवासी हैं। जबकि कर्णवाल का कहना था कि वह 1984 से ही हरिद्वार में रह रहे हैं। उन्होंने उनकी माता द्वारा दिया गया किरायानामा तथा हरिद्वार जिला सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। यहां बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश पर शासन द्वारा अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जाति प्रमाण पत्रों की स्क्रूटनी कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने सात सितंबर को दोनों पक्षों को विस्तार से सुना। जिसके बाद रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट मेें सौंपी। जिसमें जाति प्रमाण पत्र को पूरी तरह वैध करार दिया गया है। साथ ही कहा कि प्रमाण पत्र प्राप्त करने में किसी तरह का आपराधिक कृत्य नहीं किया गया है। गुरुवार को मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने शासन की रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया। इधर नैनीताल पहुंचे विधायक ने कोर्ट के आदेश को न्याय की जीत करार देते हुए कहा कि वह दस साल से अपमान का घूंट पी रहे थे। कोर्ट के आदेश से वह सही साबित हुए हैं। जबकि साजिश रचने वाले बेनकाब हो चुके हैं।