देहरादून, UKReview। उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले राजधानी देहरादून स्थित गांधी पार्क के गेट पर पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल की गिरफ्तारी के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने इस संबंध में प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी भेजा।
उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले गांधी पार्क के मुख्य गेट पर विभिन्न पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकार इस धरने में शामिल हुए। पत्रकारों का कहना था कि विभिन्न मुद्दों को बेबाक तरीके से उठाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर लिखने वाले पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल जो कि उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं को विगत 22 नवंबर को उनके आवास सी-39 नेहरू कालोनी से पूर्वाह्न 11 बजे गलत तरीके से बिना किसी पूर्व सूचना, सर्च वारंट के उठाया गया। जानकारी मिलने पर पत्रकारों द्वारा उनकी खोजबीन की गई तो जानकारी मिली कि थाना सहसपुर के थानाध्यक्ष उन्हें दल-बल के साथ उठा ले गए। उन्हें घर से पूर्वाह्न 11 बजे उठाया गया और सरकारी दस्तावेजों में उनकी गिरफ्तारी सायं चार बजे के बाद दिखाई गई। इस तरह की अनैतिक गिरफ्तारी का सभी पत्रकार विरोध करते हैं। घर से हुई गिरफ्तारी और इस संबंध में तहकीकात करने वाले संदर्भित अधिकारी व थाना प्रभारी सहसपुर का यह कहना कि शिव प्रसाद सेमवाल की थाने में गिरफ्तारी हुई है, संपूर्ण प्रकरण को संदिग्ध बना देता है। पत्रकार संघर्ष समिति ने इस संबंध में मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार देहरादून सदर के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। राज्यपाल को प्रेषित किए गए ज्ञापन में इस संपूर्ण घटनाक्रम को संज्ञान मकें लेते हुए तत्काल जांच करवाकर दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने व पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने की मांग की गई है। इस धरने में एनयूजे (आई), इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन, आॅल इंडिया उदू एडिटर कांफे्रेस, जर्नलिस्ट यूनियन आॅफ उत्तराखंड, नेशनलिस्ट यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट, देवभूमि पत्रकार यूनियन, वर्किंग जर्नलिस्ट आॅफ इंडिया, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, पर्वतीय संपादक परिषद, देवभूमि जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन, न्यूज पेपर एंड मीडिया वेलफेयर सोसाइटी, उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन, अखबार बचाओ संघर्ष समिति, उत्तराखंड जनकल्याण पत्रकार समिति, पत्रकार प्रेस परिषद नई दिल्ली आदि संगठनों के प्रतिनिनिधयों के अलावा सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल हुए।