देहरादून,UKR। बीते माह दिसम्बर में शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार जिस देव स्थानम बिल को सदन में लाई थी अब उस पर राजभवन की मोहर लगने के बाद यह एक्ट अस्तित्व में आ गया है। राज्य में अब चार धाम यात्रा का समस्त संचालन व्यवस्था को चार धाम देवस्थान बोर्ड द्वारा किया जायेगा।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य द्वारा इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिये गये है। इसके साथ ही अब चारधाम यात्रा संचालन मेें व्यवस्था परिवर्तन तय हो गया है। सरकार बीते दिसम्बर के शीतकालीन सत्र में इस बिल का पास करा चुकी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब यह नया एक्ट अस्तित्व में आ गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चारधाम देवस्थान एक्ट के प्रभावी होने पर खुशी जताते हुए कहा है कि अब चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यात्री सुविधाओं को भी पहले से बेहतर बनाया जा सकेगा। माता वैष्णो देवी मन्दिर के श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चारधाम यात्रा के संचालन की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा जब एक बोर्ड के गठन की पहल की गयी थी तो राज्य के तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों द्वारा इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया गया था। उनका कहना था कि पीढ़ियों से इस यात्रा से उनके हक हकूक और रोजगार जुड़ा है जिसे सरकार खत्म कर देना चाहती है। लेकिन सरकार ने उन्हे भरोसा दिलाया है कि उनके हित प्रभावित नहीं होने दिये जायेंगे। विरोध के बीच सरकार इस बिल को विधानसभा से पारित करा चुकी है इसे अस्तित्व में आने के लिए सिर्फ राज्यपाल के मंजूरी की जरूरत थी। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस बिल पर हस्ताक्षर करने के साथ ही अब यह एक्ट अस्तित्व में आ गया है। चारधाम देवस्थानम एक्ट के अंदर राज्य के सभी चारधाम सहित कुल प्रसिद्ध 51 मन्दिरों को शामिल किया गया है। जिनकी यात्रा व्यवस्था तथा खर्च और आय का हिसाब किताब इस नये नियम के अनुसार होगा। चारधाम देवस्थानम बोर्ड का स्वरूप अब सरकार को तय करना है जो आगामी चारधाम यात्रा सीजन से लागू हो जायेगा।