हरिद्वार। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि नई शिक्षा नीति में भारतीयता के साथ ही नवाचार और रोजगार पर विशेष ध्यान दिया गया है। जल्द ही शिक्षा नीति देश के सामने होगी। सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने की दिशा में काम रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी भाषा किसी पर थोपी नहीं जाएगी।
रविवार को हरिद्वार में मीडिया से बातचीत में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का वैश्विक स्तर का बनाने के लिए 20 विश्वविद्यालयों को चुना गया है। इन विश्वविद्यालयों को केंद्र सरकार मदद देगी। कहा कि भारत को शिक्षा के क्षेत्र में इतना मजबूत करना है कि आने वाले समय में विश्वभर के छात्र हिंदुस्तान में शिक्षा लेने के लिए आएं। राज्य सरकारों से भी शिक्षा को प्राथमिकताओं में शुमार करने को कहा गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के साथ ही सुविधाएं भी दी जा रही हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पर टिप्पणी करते हुए निशंक ने कहा कि यह एक संस्थान प्रतिष्ठित संस्थान है, जिसने देश को कई बड़ी शख्सियत दी हैं। बावजूद इसके कुछ अराजक तत्व यहां जहर घोलने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्हें किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शोध के लिए संस्थानों को धन की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है। नए शोधों को धरातल पर भी उतारा जाएगा, जिससे लोगों को इनका लाभ भी मिल सके। वहीं, हरिद्वार को लेकर अपनी प्राथमिकता गिनाते हुए डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हरिद्वार में चार हजार करोड़ की लागत से बन रही रिंग रोड को पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के बनने से शहर को जाम से निजात मिल जाएगी।