देहरादून, UKR। वसुंधरा को स्वच्छ रखने का संदेश देते हुए मानव भारती स्कूल में दो दिवसीय वसंतोत्सव का समापन हो गया। महोत्सव में बच्चों ने विविधता को बनाए रखने की अपील करते हुए विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के गीत, नृत्य प्रस्तुत किए। मानवभारती स्कूल परिसर में वसंतोत्सव के दूसरे दिन श्वसुंधरा की पुकारश् नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया कि धरती, सूरज, चांद, नदियां, मिट्टी, पेड़ पौधे प्रकृति के उपहार हैं, इनको नुकसान पहुंचाकर हम सभी अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। पर्यावरण को बचाने की पहल हमें स्वयं से करनी होगी। सड़क पर कूड़ा फेंकने, पेड़ों को नुकसान पहुंचाने, हवा को दूषित करने का मतलब है कि हम अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। इससे पहले मुख्य अतिथि नीना पंत, विशिष्ट अतिथि डॉ. सुशील कुमार सिंह, मानवभारती के निदेशक डॉ. हिमांशु शेखर, प्रिंसिपल राजीव सिंघल, प्रवीण कुमार ध्यानी ने दीप प्रज्ज्वलित करके समारोह का शुभारंभ किया। बच्चों ने श्रीगणेश वंदना, स्वागत गीत प्रस्तुत किया। रोकर्स बैंड ने लकड़ी की स्टिक, बाल्टियों, स्टील के बर्तनों, खाली डिब्बों को वाद्य यंत्रों के रूप में इस्तेमाल करते हुए मशहूर गीतों की धुनें बजाईं। ईश्वर अल्लाह तेरे नाम…, सारे जहां से अच्छा…, बांग्ला गीत एकला चलो रे…, सुनो गौर से दुनियावालों… गीतों पर शानदार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम के जरिये बच्चों ने यह बताया कि संगीत हर जगह है, जरूरत है तो उस पर ध्यान देने की। अगर आप अच्छे श्रोता हैं तो संगीत आपको शांति और सुकून देता है। बच्चों ने देश विदेश की आठ भाषाओं में गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर पारंपरिक परिधानों में बच्चों ने गढ़वाल, नेपाल, असम, राजस्थान, पंजाब के गीतों पर नृत्य किया।