देहरादून। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारी समिति की ओर से कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में राज्य के किसान, बागवानों पर प्रभाव जैसे प्रमुख सम-सामयिक बिंदुओं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग परिचर्चा में प्रतिभाग किया। इसमें धीरेंद्र प्रताप, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी राजेश्वर पैन्यूली एवं किशोर उपाध्याय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस एवं अन्य ने भी हिस्सा लिया।
इस अवसर पर सुबोध उनियाल ने भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी देते हुए राज्य का पक्ष प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया। साथ ही कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु लॉक डाउन अवधि में कृषि-औद्यानिकी से जुड़े काश्तकार-बागवानों के हित सरंक्षण के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी दी। किसानों को उनकी उपज का सही एवं लाभकारी मूल्य दिलाये जाने के लिए किए सतत् प्रयासों के बारे में अवगत कराया। कोविड-19 आपदा के समय आपणू बाजार, वेयर हाउस व कोल्ड स्टोर्स को उप मंडी केंद्र बनाया गया है। एक्ट में संशोधन करते हुए मंडी परिषद में रिवाल्विंग फंड का प्राविधान किया गया है। राज्य के अधिकाधिक किसानों को जैविक खेती की ओर आकर्षित किया जा रहा है। इस आपदा से प्रभावित प्रवासियों के लिए राज्य सरकार के सकारात्मक प्रयासों की जानकारी देते हुए उन्हें जमीन से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान लगातार बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों को हो रहे नुकसान के बारे में उन्होंने बताया कि सरकार इसकी नियमित रूप से मानीटरिंग कर रही है एवं क्षति की नियमानुसार भरपाई की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा इस अवसर पर कोरोना वायरस को हराने के लिए जागरूकता की अपील की गई एवं लॉक डाउन व ‘‘दूरी बनाये रखने‘‘ के मानकों का अनुपालन बावत कहा गया, ताकि सामूहिक रूप से इस आपदा पर विजय मिल सके। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अपने स्तर से हरसंभव प्रयास जनता के हित में कर रही है। जीविकोपार्जन के लिए दूर-दराज गए हुए राज्य के ऐसे सभी प्रवासियों को लाने की व्यवस्था की जा रही है जो गृह नगर आना चाहते हों एवं यहां पर उनको रोजगार के रूप पुनर्स्थापित करने की भी जानकारी दी। परिचर्चा में कृषि मंत्री द्वारा सभी जिम्मेदार आमजन से जिम्मेदार नागरिक की भूमिका की अपील दोहराई गई।