पौड़ी। गर्मी बढ़ते ही मनियारस्यूं पट्टी में पेयजल संकट गहराने लगा है। स्थानीय लोग कई किमी दूर प्राकृतिक स्रोतों से पानी ढोने को मजबूर है। इस क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए दो पेयजल योजनाएं भी बनाई गई हैं। बावजूद इसके लोगों को नियमित पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पूर्व में जल संस्थान की ओर से मई जून महीने में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जाती थी। लेकिन इस बार विभाग टैंकर भी नहीं लगा रहा है। जबकि इस बार गांवों में प्रवासियों के लौटने से गांवों की जनसंख्या भी बढ़ी है। गर्मी बढ़ते ही कल्जीखाल ब्लाक के मनियारस्यूं क्षेत्र में पेयजल संकट गहराने लगा है। क्षेत्र के टंगरौली, कांसखेत, घंडियाल, डांग, पाली, गढ़कोट, बनैख व बुटली गांवों में पेयजल किल्लत बनी हुई है। मनियारस्यूं क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए दो पेयजल योजनाएं भी बनी हैं। बावजूद क्षेत्र के ग्रामीण पेयजल किल्लत की समस्या से जूझ रहे हैं। स्थानीय निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी ने बताया कि पहले से ही उन्हें एक दिन छोड़ कर पानी मिलता था। लेकिन बीते कुछ महीने से वह भी नहीं दिया जा रहा है। क्षेत्र के लोग अपने वाहनों से या पैदल चलकर कई किमी दूर प्राकृतिक स्रोतों से पानी ढो रहे हैं। बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी गांव लौटे हैं जिससे गांवों की जनसंख्या बढ़ी है। ऐसे में पेयजल किल्लत विकराल रूप धारण कर रही है। वहीं जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके गुप्ता ने बताया कि पेयजल किल्लत संबंधी कोई शिकायत उनके पास नहीं आई है। फिर भी ग्रामीणांे की सुविधा के लिए संबंधित अवर अभियंता से जानकारी ली जाएगी।
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