देहरादून। हरेला पर्व के अवसर पर आज देहरादून के श्री गुरुरामराय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ राम भूषण बिजल्वाण के साथ सभी शिक्षकों ने महाविद्यालय परिसर में औषधीय और फलदार वृक्षों का रोपण किया जिसमें कपूर, हारसृंगार, अमरूद गिलोय, दालचीनी, आम, आँख के पौधे रोपे गये।
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने कहा कि वर्तमान समय में प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर रखना है तो प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षारोपण करना पड़ेगा आज अगर पूरा विश्व कोरोना महामारी से ग्रसित है तो कहीं न कहीं मानव के द्वारा प्रकृति के अधिक दोहन का ही परिणाम है ..प्रकृति ने अपना स्वरूप दिखाया तो आज पूरी दुनियां थम सी गयी है सब लोग महीनों से घरों में कैद रहने को मजबूर है । इसलिए अत्यंत आवश्यक है कि हम लोग प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने की आदत डालें अगर ऐसी स्थिति रही तो कोरोना की तरह किसी और भयानक महामारी से भी जूझना पड़ सकता है। डॉ बिजल्वाण ने अपनी भारतीय संस्कृति पुराणों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे वेद पुराण उपनिषदों में पर्यावरण संतुलन पर बहुत बल दिया है।स्कन्द पुराण में वृक्षों का महत्व बताया गया है। एक सरोवर के निर्माण से जो पुण्य होता है वही पुण्य दश कूपों के निर्माण से होता है। दश बिशाल सरोवर को एक पुत्र के समान माना गया है और बड़ी बात यह कि एक वृक्ष का रोपण दश पुत्रों के समान माना गया है, इससे मालूम होता है वृक्षारोपण करना हम सबके लिए कितना महत्वपूर्ण है। साथ ही सभी लोगों ने शपथ ली कि हम अपने जीवन के महत्वपूर्ण अवसर पर एक वृक्ष अवश्य लगाएंगे। साथ ही लॉकडॉन के कारण सभी छात्रों को अपने अपने घरों में ही वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर कॉलेज के आचार्य डॉ शैलेन्द्र डंगवाल, आचार्य मनोज शर्मा, आचार्य नवीन भट्ट, बिंदु आदि उपस्थित रहे।
previous post