-कोरोना काल में हुयी टैक्स वसूली में भारी कमी
देहरादून। जैैसे-जैैसे पेट्रोलियम पदार्थों के दामोें मेेें वृद्धि होती हैै वैैसे वैैसे सरकार के टैक्स राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होती है लेकिन कोरोना काल में टैक्स राजस्व में पेट्रोलियम पदार्थों की दरेें बढ़ने के बावजूद भी कमी हुयी है। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उददीन को वाणिज्य कर मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये टैक्स राजस्व आंकड़ों से हुआ। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने आयुक्त कर कार्यालय/वाणिज्य कर मुख्यालय से प्रदेश भर में पेट्रोलियम पदार्थों पर वसूले गये टैक्स राजस्व की धनराशियों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में राज्य कर मुख्यालय की लोक सूूचना अधिकारी/उपायुक्त नीलम ध्यानी ने डिप्टी कमिश्नर (संख्या अनुभाग) जगदीश सिंह द्वारा उपलब्ध कराये गये राजस्व आंकड़ों की प्रतियां उपलब्ध करायी है। इससे पूर्व भी श्री नदीम ने 2018 मे तब तक की सूचना प्राप्त की है। श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार अप्रैैल 2007 से जून 2020 तक पेट्रोलियम पदार्थों से उत्तराखंड सरकार ने 13042 करोड़ 92 लाख का टैक्स वसूला है इसमें 5346 करोड़ 53 लाख का टैक्स पेट्रोल से तथा 7376 करोड़ 71 लाख का टैक्स डीजल की बिक्री से वसूला गया हैै। श्री नदीम को उपलब्ध टैक्स आंकड़ों के अनुसार 2007-08 में पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकार को केवल 414.9 करोड़ टैक्स मिला था जोे 2018-19 में 285.62 प्रतिशत बढ़कर 1599.92 करोड़ हो गया, लेकिन कोरोना महामारी शुरू होने पर 2019-20 में इसमें 88.13 करोड़ की कमी होकर 1511.79 करोड़ ही रह गया। 2020-21 की प्रथम तिमाही (अप्रैैल-जून 2020) में तो केवल 228.49 करोड़ रूपये ही टैक्स मिला। आगे भी यही दर रहने पर पिछले वर्ष के मुकाबले पेट्रोलियम पदार्थोें का राजस्व आधा ही रह जायेगा जबकि टैैक्स की दर बढ़ने से इसमें बढ़ोत्तरी होनी चाहिये थी जैैसे पिछले वर्षोें में हो रही है। श्री नदीम को उपलब्ध पेट्रोल पर टैक्स के आंकड़ों के अनुसार 2007-08 में 128.67 करोेड़ वैैट/सैैल्स टैक्स मिला था जो 2018-19 में 462.69 प्रतिशत बढ़कर 724.01 करोड़ हो गया जबकि 2019-20 में इसमें 10.44 करोेड़ की कमी होकर 713.57 करोड़ रह गया तथा 2020-21 की प्रथम तिमाही (अप्रैल से जून 2020 तक) में पेट्रोल पर केवल 106.37 करोड़ रूपये का ही टैक्स सरकार को मिला हैै। डीजल पर टैक्स केे आंकड़ों के अनुसार 2007-08 में जहां 261.53 करोड़ सरकार को टैक्स मिला, वहीं 2018-19 मेें 224.38 प्रतिशत बढ़कर 848.35 करोड़ हो गया जबकि 2019-20 में यह लगभग 81.76 करोड़ घटकर 766.59 करोड़ रह गया तथा 2020-21 की प्रथम तिमाही में यह टैक्स केवल 119.19 करोड़ ही रह गया।