-नियम विरुद्ध तरीके से टेंडर दिलाने को अधिकारी का किया जा रहा था शोषण
-पूर्व में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में इस अधिकारी ने ही खोली थी परतें
-ईमानदार व कर्मठ अधिकारियों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगा मोर्चा
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व एक राज्य मंत्री द्वारा एक ईमानदार एवं कर्मठ अधिकारी वी.षणमुगम के खिलाफ आउटसोर्स एजेंसी चयन मामले के टेंडर को लेकर मीडिया में बहुत बढ़-चढ़कर बयानबाजी की थी तथा उक्त अधिकारी की गुमशुदगी तक की रिपोर्ट दर्ज करवाने को लेकर पुलिस अधिकारी को पत्र भी लिख डाला था।
सूत्रों के हवाले से तथा मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक उक्त अधिकारी एवं मंत्री विवाद की जांच कर रही अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार द्वारा श्री षणमुगम को पाक साफ बताया गया, यानी क्लीन-चिट दे दी गई है। अगर इस मामले में वाकई क्लीन चिट दी गई है तो ऐसे मंत्री को तत्काल बर्खास्त किए जाने की जरूरत है। उक्त क्लीन चिट से स्पष्ट हो गया है कि मंत्री उक्त अधिकारी पर दबाव बनाकर अपने चेहते लोगों को टेंडर दिलवाने एवं मनमानी करना चाहती थी। इस विवाद की वजह से कहीं न कहीं कर्मचारियों का भी अहित हो रहा है। नेगी ने कहा कि श्री षणमुगम जैसे ईमानदार एवं कर्मठ अधिकारी की वजह से ही पूर्व में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की सच्चाई सामने आ पाई, जिसमें आज एसआईटी काम कर रही है तथा कई लोगों को जेल भेजा जा चुका है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के मंत्री, ईमानदार अधिकारियों पर दबाव डालकर उल्टा-सीधा काम करना चाहते हैं तथा अधिकारी की ना करने पर उनका उत्पीड़न किया जाता है। मोर्चा ईमानदार अधिकारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगा।