देहरादून। उत्तराखंड क्रान्ति दल द्वारा किसानों के आंदोलन के समर्थन में घंटाघर में पर्वतीय गांधी स्व. इंदमणि बडोनी की प्रतिमा के समक्ष धरना-उपवास किया गया। यूकेडी नेताओं का कहना था कि एक माह से ज्यादा समय से नये कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। केंद्र सरकार से 8 दौर की वार्ता के पश्चात कोई हल केंद्र सरकार के द्वारा न निकालना एक चिंता का विषय बना है। केंद्र की मोदी सरकार की हठधर्मिता से आज देश का अन्नदाता झुका नहीं है, आज भी आंदोलन जारी है।
उत्तराखंड क्रान्ति दल ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुये शनिवार को देहरादून घंटाघर में स्व. इंद्रमणि बड़ोनी की प्रतिमा के समक्ष में दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार के नेतृत्व में 24 घंटे का उपवास रखा गया। इस अवसर पर त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि देश के अन्नदाता आज सड़कों पर है। देश के अन्नदाता को केंद्र की मोदी सरकार उनके मांगांे की जगह अपनी हठधर्मिता से पीछे नही हट रही है। 8 दौर की वार्ता किसानों के साथ सरकार की होने के पश्चात आंदोलन को शांत करने की जगह आग में उलझुल बयानों के द्वारा आग में घी डाल रहे है। नए कृषि कानून में जो खामियां है उक्रांद मांग करता है कि अभिलम्ब सरकार पूरी करें। अभी तक 70 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान दे चुके है। उक्रांद मृतक किसानों की आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना करता है।
कल उपवास के अंत मंे केंद्र सरकार का दल घंटाघर में पुतला दहन कर समाप्त करेगा। इस अवसर पर उपवास कार्यक्रम में लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, सुनील ध्यानी, बहादुर सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह पांगती, पीसी थपलियाल, किशन सिंह रावत, प्रताप कुँवर, अशोक नेगी, राजेन्द्र बिष्ट, युद्धवीर सिंह चैहान, शिव प्रसाद सेमवाल, समीर मुंडेपी, शकुंतला रावत, संजय बहुगुणा, नितिन सैनी, सोमेश बुडाकोटी, पंकज पैन्यूली, गणेश काला,राजेन्द्र प्रधान, मिनांक्षी सिंह,सीमा रावत, प्रदीप उपाध्याय,रजनीश सैनी,डॉ संजय उपाध्याय, प्रशांत उपाध्याय, प्रवेश साबरी, बृजमोहन सजवाण, राकेश बिष्ट, अनिल डोभाल, नवीन भदूला, अंकेश भंडारी, राकेश बिष्ट,आदित्य खारोला, पंकज उनियाल आदि थे।