देहरादून। जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने प्रदेश में जिला योजना समिति चुनाव शीघ्र कराए जाने की मांग की है। प्रदीप भट्ट ने कहा कि जब बिहार में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं देश के अधिकांश राज्यों में राज्यसभा के चुनाव हो सकते हैं, विधान परिषद के चुनाव हो सकते हैं, हिमांचल समेत कई राज्यों में स्थानीय पंचायत व निकाय के चुनाव हो सकते हैं, जेपी नड्डा के स्वागत में मानव श्रृंखला बनाई जा सकती है, उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के चुनाव हो सकते हैं, हरिद्वार में महाकुम्भ का भव्य आयोजन किया जा रहा है तो फिर जिला योजना समिति के चुनाव क्यों नहीं हो सकते।
देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने कहा कि हाल ही में देहरादून में पंचायतों का विशाल सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल हुए लोकसभा अध्यक्ष ने भी साफ तौर पर पंचायतों को मजबूत करने पर बल दिया लेकिन उत्तराखण्ड में पंचायतों के पर कतरे जा रहे है। प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड में जीरो टॉलरेंस सरकार में जिला योजना चुनाव को लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री में भी मतभेद हैंराज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 2 नवम्बर 2020 को सचिव पंचायतीराज को सरकार की सहमति के लिए पत्र लिखा गया जिस पर सचिव पंचायतीराज ने विभागीय मंत्री अरविंद पांडे को जिला योजना चुनाव कराने के लिए फाइल अनुमोदन के लिए भेजी जिस पर पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडे ने अनुमोदन दे दिया किंतु विभागीय मंत्री के अनुमोदन के वावजूद भी मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति नही दी इससे लगता है कि सरकार में आपसी तालमेल ही नहीं है। मंत्री चुनाव कराने के पक्ष में अनुमोदन देते हैं लेकिन मुख्यमंत्री उसको ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना केवल जिला योजना समिति के चुनाव पर ही लगा हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार अति शीघ्र जिला योजना समिति का चुनाव नहीं कराती है तो जिला पंचायत एवं नगर निकाय प्रतिनिधियों को मजबूरन सरकार के खिलाफ लामबंद होना पड़ेगा। प्रेस वार्ता में जिला पंचायत संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष अश्वनी बहुगुणा, उत्तरकाशी जिला पंचायत उपाध्यक्ष कविता परमार, जिला पंचायत सदस्य डामटा पूनम थपलियाल, डीएवी पीजी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेशर डॉक्टर सत्यव्रत त्यागी, युवा नेता विपिन थपलियाल, अमेन्द्र सिंह मौजूद रहे।