-जीवन में कुछ बनने की प्यास उसके लिये प्रयासः स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूएनएफपीए की संयुक्त पहल से छः दिवसीय ‘प्रयास अपना’ कार्यशाला का समापन हुआ। समापन अवसर पर जीवा की पूरी टीम, यूएनएफपीए एवं प्रवाह टीम की प्रशिक्षक ईशानी जी और चन्द्रेश्वर नगर, काले की ढ़ाल और खारा स्रोत के युवाओं ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के साथ विश्व ग्लोब का जलाभिषेक कर जल बचाने का संकल्प लिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि किशोरावस्था एक प्रारंभिक अवधि है जिसके दौरान बच्चे शारीरिक रूप से वृद्धि के साथ ही मूल्यों, मूल-मान्यताओं और अपनी पहचान की भावना और दुनिया में अपनी जगह की समझ बनाते हैं। वे स्वयं को अपने परिवारों और समाज के अन्य सदस्यों से अलग व्यक्तित्व के रूप में खोजने की कोशिश कर रहे होते हैं। यह वह चरण भी है जब वे बचपन को पीछे छोड़ आते हैं और युवावस्था की तैयारी करते हैं और अपने समुदायों और समाज में अपने अधिकारों और कर्तव्यों के साथ आगे बढ़ना चाहते है।
जीवा की क्रियान्वयन एवं समन्वय अधिकारी सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी जी ने बताया कि प्रयास अपना-किशोर क्लब पाठ्यक्रम किशोरों को सपने देखने, उस सपने तक पहुंचने के लिए एक रणनीति विकसित करने, उसके प्रति अपने संकल्प और प्रतिबद्धता का निर्माण करने और उस सपने को साकार करने हेतु पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करता है। अपने सपने (सपना) की पहचान करने और उसे साकार करने हेतु मार्ग में आने वाली बाधाओं एवं समस्या को हल करना सीखते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक सशक्त वातावरण बनाना है जो किशोरों को खुश और स्वस्थ जीवन के लिए उनकी आकांक्षाओं की पहचान करने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। प्रमुख प्रशिक्षक ईशानी जी ने कहा कि प्रयास अपना पाठ्यक्रम किशोरों के विभिन्न सपनों के आसपास बनाया गया है, जो सपने सभी किशोर के पास है उन सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए अपनी क्षमताओं का निर्माण करना इस हेतु चार महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने के लिए उन्हें सक्षम किया जाता है। मैं अब कहां हूं? मेरी जरूरतें क्या हैं, मेरी वर्तमान स्थिति क्या है? मैं कहाँ जाना चाहता हूँ ‘मेरे सपने क्या हैं?’‘ मुझे कौन सी चीजें रोकती है-क्या वह आंतरिक और बाहरी चुनौतियां हैं जो सपनों की उपलब्धि में बाधा डालती हैं? अब मैं क्या कंरू? – अपने सपने को पूरा करने के लिए मुझे क्या प्रयास करने होंगे? इन सभी सवालों के जवाब उन्हें खुद खोजने है। परमार्थ निकेतन द्वारा चन्देश्वर नगर, काले की ढ़ाल और खारा स्रोत में तीन टीन क्लब सेंटर बनाये गये हैं जहां पर 15 दिनों में एक बार बच्चों के साथ बैठकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जायेगा तथा उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेेगे। इस कार्यशाला के सफलतापूर्वक समापन में जीवा की प्रोजेक्ट मेनेजर शीतल कौर, लीड कोआर्डिनेटर सुखनुर कौर, रामचन्द्र शाह, राकेश रोशन और सत्यवीर आदि का उत्कृष्ट योगदान रहा।