-दिल्ली और पंजाब पर मौन साध गई कांग्रेस
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने आम आदमी पार्टी को नौटंकीबाज करार देते हुए कहा कि देश भर में दिल्ली मॉडल का ढोंग करने वाली पार्टी की कोरोना काल में पोल खुल गयी है। आम आदमी पार्टी के भ्रमित कार्यकर्ताओ को अपने नेतृत्व से पूछना चाहिए कि दिल्ली में डेथ रेट और संक्रमण देश के अन्य राज्यों से अधिक क्यों है।
श्री चैहान ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के आंकड़े छिपाये जा रहे हैं और टेस्टिंग भी कम कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की नौटंकी को पूरा देश समझ चुका है। देश में सबसे अधिक दुर्गति कहीं है तो वह दिल्ली है। तमाम तरह के झूठे दावे और यहा तक की अदालत तक को भी गुमराह करने में केजरीवाल सरकार पीछे नहीं रही। लोगो को कभी मोहल्ला क्लिनिक का चुग्गा थमाने वाली केजरीवाल सरकार की असलियत सामने आ गयी है। लेकिन रोजाना झूठ परोसने में पीछे नहीं। सेवा कार्य के बजाय धरना प्रदर्शन कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की उसकी आदत रही है। उत्तराखंड में भी वह सेवा कार्यों के बजाय राजनैतिक जमीन तलाश रही है , लेकिन जनता उसके पाखंड को बेहतर ढंग से जानती है।
स्थिति यह है कि कोरोना से राष्ट्रीय मृत्य दर का आंकड़ा 1.3 है जबकि दिल्ली में यह दो गुने से अधिक 2.9 है। दिल्ली सरकार कोरोना को लेकर बयानबाजी कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बदतर है। लोगो को आक्सीमीटर और दवा पहुचाने के बजाय शराब की होम डिलीवरी में जुटी है। यही स्थिति पंजाब की भी है। पंजाब में वैक्सीन के कालाबाजारी का सच सामने आने और सरकार के स्तर पर मिलीभगत स्पस्ट हो चुकी है। निजी अस्प्तालो को आम लोगों की वैक्सिन देने में अधिकारियो और कॉर्पोरेट के गठजोड़ के सामने आने से निजी अस्प्तालो को वैक्सिन बंद की गई। वहीं झारखंड,राजस्थान, महाराष्ट्र में भी कोरोना के संक्रमण की बढ़ती स्थिति और डेथ रेट अधिक है। वहीं वैक्सीन की बर्बादी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन एक सोची समझी साजिश के चलते इन राज्यों की ओर चुप्पी साध गई है। कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए कि आखिर इन राज्यों की ओर बिगड़ते हालातो पर उसने चुप्पी क्यों साध रखी है। अपनी राजनैतिक नौटंकी के जरिये लोगो के बीच भ्रम की स्थिति बना रही कांग्रेस की मंशा को लोग समझ चुके हैं और उसकी विश्वस्नीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। कांग्रेस कोरोना नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रयास में महज भाजपा शासित प्रदेशों को निशाने पर ले रही है जबकि दिल्ली और पंजाब जैसे प्रदेशों को लेकर उसकी चुप्पी उसकी मंशा को बयान करने के लिए पर्याप्त है।