देहरादून। उत्त्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिह ने राज्य की प्रचण्ड बहुमत और डबल इंजन सरकार पर कड़ा हमला बोला है। प्रीतम सिंह ने कहा कि देश के युवाआंे को सालाना दो करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने ना केवल देश के बल्कि उत्तराखण्ड राज्य के युवाओं के साथ भी कुठाराघात किया है। प्रीतम सिंह ने कहा कि इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि उत्तराखण्ड राज्य बेरोजगारी के प्ररिपेक्ष्य में देश के अन्य राज्यों की तुलना में अग्रणी राज्य है। हालात इतने बुरे है कि उत्तराखण्ड राज्य की बेरोजगारी दर अन्य सभी राज्यांे की तुलना में सर्वाधिक है। प्रीतम ंिसह ने कहा कि भाजपा ने 2017 के चुनाव में उत्तराखण्ड के युवाओं से कहा था कि यदि वह राज्य में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनाने में सहयोग करेंगे तो वह सरकार बनने के बाद नौजवान साथियों को भारी संख्या में रोजगार देने का काम करेगी। लेकिन आज हालात यह हैं कि जिनके पास पहले से रोजगार थे उनका भी रोजगार राज्य सरकार ने छीनने का काम किया है। जिस तरह का व्यवहार अपनी हठधर्मिता के चलते राज्य सरकार ने उपनल, मनरेगा, एनएचएम, 108, पंचायतोे में कार्यरत कर्मियों के साथ किया उसने भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार की मंशा को बेनकाब करने का काम किया जिससे उत्तराखण्ड राज्य का युवा आज काफी आक्रोश में है और कहा जा सकता है कि आज वही युवा पलटवार करने के लिए सही समय का इंतजार कर रहा है। प्रीतम सिह ने कहा बेरोजगारी के आंकड़े जिस तरह से प्रदेश में बढ़ते ही जा रहे हैं स्थिति अत्यन्त भयावह व चिंतनीय है। प्रीतम सिह ने कहा अगर कांेरोनाकाल के दौरान बड़ी हुई बेरोजगारी दर को दरकिनार भी कर दिया जाय तो भी राज्य सरकार ने 2017 से 2018 और 2018 से 2019 के बीच भी बेरोजगारी दर को कम करने के लिए कोई बहुत अच्छा प्रदर्शन या प्रयास नही किया। प्रीतम सिंह ने कहा कि कांगे्रस जब मार्च 2017 में भाजपा को सत्ता सौपकर गई तो राज्य की बेरोजगारी दर मात्र डेड़ प्रतिशत थी पर भाजपा सरकार ने आते ही उसे तीन प्रतिशत पर पहुॅचा दिया। प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि शीघ्र प्रदेश के युवाआंे को रोजगार उपलब्ध नही कराया गया तो वह अवसादग्रस्त व दिशाविहीन हो जायंेगे। प्रीतम सिह ने हैरत जताते हुए कहा कि प्रदेश में लम्बे समय से रिक्त पडें हुए पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया का प्रारम्भ ना होना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार की उदासीनता के चलते 40 प्रतिशत से ज्यादा लघु एवं मध्यम वर्ग के उद्योगों का ठप्प होना दुखद ही कहा जा सकता है। प्रीतम ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए वह शीघ्र अतिशीघ्र प्रदेशहित एवं युवाओं के हित में कोई ठोस नीति लाकर रोजगार स्रजन की दिशा में कदम बढ़ायें।