देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने राज्य के आईएएस और पीसीएस ऑफीसरो को राज्य सरकार द्वारा रोज-रोज ताश के पत्तों की तरह फेटने और उनके दायित्वों में बदलाव पर गहरा एतराज जताया है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री थे तो उनके कार्यकाल में भी रोज-रोज आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को बदला जाता रहा और जब से तीरथ सिंह रावत आए हैं तब से यह प्रक्रिया और तेज हो गई है ।अब तो ऐसा लग रहा है कि जितनी जल्दी आदमी कपड़े भी नहीं बदलता उससे ज्यादा राज्य के आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को ताश के पत्तों की तरह फेटा जा रहा है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि कोरोना के इस भीषण काल में अधिकारियों का इस तरह से रात दिन बदले जाना उनके मनोबल को गिराता है और यही कारण है कि राज्य के अधिकांश सुदूर जनपदों में ना तो कहीं पर एसडीएम रह गए ना कहीं तहसीलदार स्तर के अधिकारी रह गए और जिलाधिकारियों और बड़े अधिकारियों का कोई पता ही नहीं चल रहा है की रात में कौन किस जिले का जिला अधिकारी था और सुबह कौन सा व्यक्ति किस जिले का जिलाधिकारी बन गया है।
धीरेंद्र प्रताप ने इन तबादलों को एक नए उद्योग धंधा के रूप में इस्तेमाल किए जाने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस तरह से अधिकारियों का तबादला किया जाना किसी भी राज्य के विकास और स्थिरता के लिए शुभ नहीं है ।उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मांग की है कि वह इस प्रक्रिया पर तुरंत लगाम लगाएं और यदि वह यह सोच रहे हो कि अधिकारियों को चुनाव से 6 महीना पहले भाजपा की मर्जी के अनुसार नियुक्तियां देकर चुनाव में वह कोई घालमेल कर सकते हैं तो यह बात समझ ले कि कांग्रेस खामोश नहीं बैठी है और इस मामले को लेकर राज्यपाल और राष्ट्रपति तक का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
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