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गुलदार ने मजदूरों के डेरे में घुसकर किया हमला, एक मजदूर गंभीर रूप से घायल

द्वारीखाल ब्लॉक के अंतर्गत ग्रामी कांडी में नेपाली मजदूरों के डेरे में घुसकर गुलदार ने एक युवक पर हमला कर घायल कर दिया। घायल का जिला चिकित्सालय पौड़ी में उपचार चल रहा है। द्वारीखाल ब्लॉक में लगातार गुलदार के मानव पर हमला करने से क्षेत्र के लोगों भय बना हुआ है। लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक कुमार ने बताया कि ग्राम कांडी के समीप नेपाली मजदूर टेंट लगाकर रह रहे है। मंगलवार सुबह करीब 4 बजे गुलदार टेंट के अंदर घुस गया और वहां सो रहे 32 वर्षीय वीर बहादुर पुत्र जग्गू पर हमला कर दिया। गुलदार ने उसको टेंट से बाहर खींचने का प्रयास किया लेकिन अन्य श्रमिकों ने शोर मचा दिया। जिसके बाद गुलदार टेंट से बाहर निकल कर जंगल की ओर भाग गया। ग्राम प्रधान घटना के संबंध में वन विभाग को सूचित दी। सूचना पर वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची। डीएफओ ने बताया कि घायल वीर बहादुर को जिला अस्पताल पौड़ी में भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है और डॉक्टरों ने उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई है। डीएफओ ने बताया कि घटनास्थल के आसपास पिंजरा लगाया जा रहा है। संदेह है कि ग्राम सभा किनसुर के राजस्व ग्राम बागी निवासी युवक पर भी इसी गुलदार ने हमला किया होगा। उन्होंने बताया कि घायल युवक का बैंक में खाता न होने से मुआवजा धनराशि ट्रासफर करने में दिक्कत आ रही है। मुआवजा राशि को नगद देने का प्रावधान नहीं है, यह राशि ऑनलाइन की ट्रासफर की जाती है।
बता दें कि पौड़ी गढ़वाल में गुलदारों ने 27 दिन में ही चार लोगों पर हमला किया है। जिसमें तीन लोगों की मौत हुई है। जबकि एक युवक घायल हुआ है। 10 जून को पोखड़ा ब्लॉक मंजगांव के डबरा गांव की एक महिला गोदाम्बरी देवी के बाद बीरोंखाल में 22 जून को एक व्यक्ति को निवाला बनाने के बाद 1 जुलाई को द्वारीखाल ब्लॉक ग्राम पंचायत किंसुर के बागी गांव निवासी एक युवक को मौत के घाट उतार दिया था। ग्राम पंचायत किंसुर के बागी गांव निवासी 28 वर्षीय पृथ्वी चंद्र पुत्र यशवंत सिंह 1 जुलाई 2020 को बकरियां और मवेशियों को चुगाने के लिए जंगल गया था। सांय को वह बकरियों को ढूढ़ रहा था। जबकि बकरियां और मवेशी घर आ गये थे। इसी दौरान जंगल में गुलदार ने उस पर हमला कर दिया था। जब देर सांय तक वह घर नहीं लौटा तो परिजनों और ग्रामीणों ने उसकी खेजबीन शुरू की थी। रात को करीब सवा 9 बजे पृथ्वी चंद्र का शव जंगल में मिला था। वन विभाग ने क्षेत्र में पिंजरा भी लगा दिया था, लेकिन गुलदार अभी तक पिंजरे में नहीं फंसा है। ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के बाद से लगातार क्षेत्र में गुलदार घूमता नजर आ रहा था। इस संबंध में वन विभाग को सूचित किया गया लेकिन वन विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा एक बार फिर गुलदार ने हमला कर दिया।

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