एक ओर उत्तराखंड प्रदेश में बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर है दूसरी तरफ यूजेवीएनएल विभाग जो कि अवैध नियुक्तियों तथा उनके अवैध प्रमोशन के लिए स्वर्ग माना जाता है, हमेशा सुर्खियों में रहता है, एक बार फिर सुर्खियों में है l विभाग में जो अधिकारी आरटीआई के माध्यम से यह सूचना देते हैं कि विभाग में कुछ लोगों की नियुक्ति अवैध है दूसरी ओर उनके अवैध प्रमोशन में भी वही अधिकारी साइन करता है l उत्तराखंड में हजारों लोग डिग्री लेकर बेरोजगार बैठे हैं पर उनका हक यूजेवीएनएल जैसा विभाग भ्रष्टाचार के द्वारा मार रहा है l क्यों न प्रदेश के सभी बेरोजगार लोगों को बिना परीक्षा बिना मेहनत के उपरोक्त की भांति यूजेवीएनएल में नियुक्ति दे दी जाए और प्रदेश को बेरोजगारी से मुक्त किया जाए l ऐसे भी यूवीएनएल विभाग को बिना परीक्षा, बिना मेहनत, बिना इंटरव्यू के नियुक्ति देने में माहारत हासिल है तो क्यों न प्रदेश के सभी बेरोजगार को इसी तर्ज पर घर पर अप्वाइंटमेंट लेटर देकर नौकरी दे दी जाएं और प्रदेश की बेरोजगारी खत्म की जाये l मुखिया की वाहवाही भी हो जाएगी l कई बार शिकायत करने के बावजूद भी इस प्रदेश के मुख्यमंत्री, इस प्रदेश के मंत्री, सचिव, प्रबंध निदेशक कोई भी इस पर कार्रवाई करने की बजाय अवैध लोगों को प्रसाद स्वरूप अवैध प्रमोशन दिये जा रहे है l इस पर सुनने को तैयार नहीं है क्या खिचड़ी पक रही है यह सब लोग मौन क्यों है बात यहीं खत्म नहीं होती है l जानकारी उपरोक्त सभी के संज्ञान में आने के बावजूद भी उल्टा अवैध नियुक्ति तथा अवैध प्रमोशन वालों को लगातार पदोन्नति पर पदोन्नति दी जा रही है l यह कैसे हो रहा है यूजेवीएनएल में यह अवैध कार्य कौन करा रहा है, किसी को तो जिम्मेदारी लेनी होगी l कौन जवाब देगा यहां लाखों बेरोजगार लोगों को, क्या प्रदेश के मुखिया कुछ करेंगे या मौन प्रधानमंत्री की तरह मोन रहेंगे और इस भ्रष्टाचार को मौन रहकर अपनी मौन स्वीकृति देंगे l मुझे नहीं लगता मुखिया कुछ करेंगे, तो क्या फिर ऊपर से लेकर नीचे तक सब मिले हुए हैं ? यह एक बहुत बड़ा सवाल है l पूछता है उत्तराखंड का बेरोजगार, पूछता है उत्तराखंड का वह नौजवान जो दिन रात मेहनत करके परीक्षा देकर कड़ी मेहनत से सफल होने का इंतजार करता है, पर यहां तो उनका हक कोई ओर ही मार रहा है l इस प्रदेश के मुखिया से पूछता है उत्तराखंड का बेरोजगार आखिर कौन देगा न्याय ?