देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला शुगर मिल के गेट पर एक घंटे सांकेतिक घरना दिया। उन्होंने उत्तराखंड में गन्ना खरीद का नवीनतम मूल्य घोषित न होने पर धरना दिया। उनके समर्थन में मौके पर कई कार्यकर्त्ता भी गन्ना लेकर धरने पर मौजूद रहे। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि किसानों के सामने अपने उत्पादन के मूल्य को लेकर राष्ट्रव्यापी समस्या है। गन्ना खरीद मूल्य घोषित न होने से किसान बेहद परेशान है। जब पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में तो गन्ना मूल्य घोषित कर दिया है तो उत्तराखंड में क्यों देर हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार किसानों की बात को उठा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पेराई सत्र भी समय पर शुरू करना चाहिए और इसके लिए एक कैलेंडर बन जाना चाहिए, जिससे किसान अपनी अगली फसल समय पर बुआई कर सके।
उत्तराखंड सेवानिवृत्त वनाधिकारी, कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार करना चाहिए।
पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि उत्तराखंड में किसानों को रासायनिक खाद नहीं मिल पा रही है। उधमसिंह नगर में किसान खाद के लिए भटक रहा है। कहीं, बेमौसम बारिश से धान को नुकसान पहुंचा है, जिसका मुआवजा भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। इकबालपुर चीनी मिल का अभी तक गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हुआ है। हरीश रावत ने कहा कि किसानों पर जो तीन काले कानून थोपे गए हैं, इससे किसानों का अपना और उनके बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। धरने में गन्ना समिति के अध्यक्ष मनोज नौटियाल, मोहित उनियाल, राजवीर खत्री, गुरदीप सिंह, लक्ष्मण सिंह बिष्ट, अनिल सैनी, मधु थापा, सागर मनवाल, ईश्वर पाल, अब्दुल रज्जाक, तेजपाल सिंह, गौरव मल्होत्रा, उमेद बोरा, राजेश सिंगारी, राहुल सैनी, सरजीत सिंह, बलविंदर सिंह, करतार नेगी, वेद प्रकाश आदि मौजूद रहे।