वरिष्ठ समाजसेवी एवं कांग्रेस पार्टी के नेता डा. महेंद्र राणा ने उत्तराखंड सरकार से प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है। डा.राणा ने राज्य सरकार से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़ा कानून जल्द लागू किया जाए। पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने से उन पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी जो जीवन को खतरे में डालकर पत्रकारिता कर रहे हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों, माफिया, नेताओं और अपराधिक तत्वों को उजागर करने वाले पत्रकारों के लिए सुरक्षा आवश्यक है। उन्होंने देशभर के पत्रकारों से अपील की है कि वे अपने अपने राज्यों में सरकारों पर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए मांग करें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि यदि उत्तराखण्ड में आगामी चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार आती है तो पत्रकारों की सुरक्षा से कोई समझौता नही किया जायेगा। चिंता व्यक्त करते हुए डा राणा ने कहा कि वर्तमान में मीडिया में सरकार एवं नेताओं के घोटाले उजागर होने के बाद अखबारों के दफ्तरों पर हमला हो रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में तो पुलिस खुद पत्रकार की हत्या में लिप्त पाई गई। पत्रकार के जीवन पर छाये हर पल खतरे को देखते हुये एक विशिष्ट कानून की जरूरत है जिससे पत्रकार एवं मीडिया से जुड़े अधिकारी डर के बिना अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।उन्होंने देश में मीडिया की वर्तमान स्थिति का अध्ययन करने के लिए मीडिया आयोग के गठन की मांग की है । 1978 में गठित द्वितीय प्रेस आयोग के बाद से मीडिया में बहुत बदलाव आया है। मीडिया और पत्रकारों के सामने आज जो चुनौतियां है वह बहुत बदल गई हैं। आधिकारिक तौर पर वास्तविक स्थिति को समझने के लिए अभी तक किसी प्रकार का अध्ययन नहीं किया गया है। देश की तत्काल चुनौतियों और बदलते मीडिया के लिये एक शक्तिशाली मीडिया काउंसिल की भी जरूरत है।