देहरादून। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला का अनुबंध निरस्त किए जाने की दरख्वास्त लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने अब मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। उत्तराखंड क्रांति दल ने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को विस्तार से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला की बदहाली के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों का हवाला दिया है।
उत्तराखंड क्रांति दल के डोईवाला विधानसभा प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने बताया कि अस्पताल का हिमालयन विश्वविद्यालय से किया गया अनुबंध गरीब लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रहा है, इसीलिए मानवाधिकार आयोग से इस अनुबंध को निरस्त कराने की गुहार लगाई गई है। यूकेडी नेता सेमवाल ने बताया कि हिमालयन विश्वविद्यालय ने अनुबंध में दर्शाई गई किसी भी शर्त का पालन नहीं किया, न तो अनुबंध में निश्चित किए गए डॉक्टर और अन्य स्टाफ की तैनाती की और ना ही सरकार की मॉनिटरिंग कमेटी ने अनुबंध के अनुसार चल रहे प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इसके कारण यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफरल सेंटर बनकर रह गया। वहीं दूसरी ओर अनुबंध निरस्त कराने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का यह 17वां दिन था तथा यूकेडी नेता केंद्रपाल तोपवाल के आमरण अनशन का आठवां दिन था। नशन पर बैठे बुजुर्ग आंदोलनकारी गिरधारी लाल नैथानी की सेहत में अनशन के दूसरे दिन ही काफी गिरावट दर्ज की गई। प्रशासनिक सूचना तंत्र ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी है। 90 वर्षीय गिरधारी लाल ने ऐलान किया कि यदि 2 दिन के अंदर सरकार ने सुनवाई नहीं की तो वह आत्म बलिदान कर देंगे।
उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष संजय डोभाल ने कहा कि सरकार ने जायज मांग को अनसुना किया है, इसलिए जल्दी ही सड़कों पर जनांदोलन छेड़ दिया जाएगा। इस अवसर पर महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, संजय डोभाल जिला अध्यक्ष परवादून, याकूब अली जिला संयुक्त किसान सभा देहरादून,शशि बाला, जीवानंद भट्ट, लक्ष्मी नेगी, भावना मैठाणी, अंशुमन असवाल, रंजना गैरोला, शांति चौहान, किरण बाला, जोत सिंह गुसाई, रमेश तोपवाल, पेशकार गौतम, मोहम्मद अली, पारस पोखरियाल, दिनेश केन्तूरा,योगी पवार, धर्मवीर गुसांई आदि दर्जनों लोग शामिल थे।