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भारतीय राजनीति के प्राण पुरुष थे अटल बिहारी बाजपेयीः कैलाश विजयवर्गीय

भारतीय राजनीति के प्राण पुरुष थे अटल बिहारी बाजपेयीः कैलाश विजयवर्गीय

-संयुक्त राष्ट्र में पहली बार हिंदी में दिया भाषणः मदन कौशिक

-भाजपा की बुनियाद अटल जी पर टिकी थी नरेंद्र मोदी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैंः शौर्य डोभाल

देहरादून, आजखबर। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म जयंती पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उनको स्मरण करते हुए कहा कि आज के दिन का जो महत्व है उसका संपूर्ण विश्व सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है। मेरा सौभाग्य रहा कि उनके साथ प्रवास भी किया और कार्य काम भी किया। विद्यार्थी परिषद में उनके सानिध्य में अनेकों बार बतौर एक छात्र की तरह मार्गदर्शन मिला। वह सहजता, सरलता और देश के उत्कर्ष के राजनीति के लिए निरंतर चिंतित रहते थे। विश्व मंच पर जिस प्रकार उन्होंने देश का नेतृत्व किया वह आज सभी के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने जब उन्हें विश्व में भारत का नेतृत्व करने के लिए भेजा तो उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री और सरकार की विश्व पटल पर प्रशंसा करी तो कुछ पत्रकारों ने उस समय अटल बिहारी बाजपेई से यह प्रश्न किया कि आपने भारत सरकार और प्रधानमंत्री की तारीफ करी जबकि आप विपक्ष के नेता है तो उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का झंडा पार्टी मुख्यालय में छोड़ कर आया हूं और भारत के झंडे को अपने साथ लेकर आया हूं। इतने महान व्यक्तित्व के धनी अटलजी ही हो सकते थे। वे सदैव भारत की आत्मा की विचारों से बंधे हुए थे। विशाल हृदय में उनके लिए हर किसी के लिए स्थान प्राप्त था। कई बार उन्होंने संसद में कहा बिकाऊ माल जैसी इन बातों पर विश्वास नहीं करता यहीं से उनकी परिपक्व राजनीति की झलक हम सभी के लिए एक आदर्श पुरुष के रूप में स्थापित होती है।
इस अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय ने उनकी कविता को इंगित करते हुए उत्तराखंड के आने वाले चुनाव के लिए एक रूपरेखा के रूप में प्रस्तुत किया। कदम मिलाकर चलना होगा। उन्होंने कहा सुशासन का मतलब अच्छा प्रशासन देना और दरिद्र नारायण के सपनों को साकार करना ही होता है। जिस तरीके से गंगा से निकला हुआ जल पवित्र होता है उसी प्रकार विगत 7 वर्षों से नरेंद्र मोदी की सरकार में भ्रष्टाचार का एक रुपए का भी आरोप नहीं है वह भी गंगा की तरह एकदम शुद्ध और स्पष्ट वादी भारत की राजनीति के प्रतीक हैं। आज शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार बनवास धारण कर लिया है। उन्होंने मोदी जी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड के प्रति एक विशेष लगाव और स्नेह है उन्होंने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण क्षण उत्तराखंड के केदारनाथ में गुजरा और वह केदारनाथ से विशेष लगाव भी रखते हैं। यह आप सभी उत्तराखंड वासी देखते भी हैं और वह उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के लिए भी हमेशा चिंतित रहते हैं और यहां से हमेशा संपर्क और संवाद निरंतर समय देते हैं।
श्री कौशिक ने कहा कि आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की जीत हुई थी और वे मोरारजी भाई देसाई के नेतृत्‍व वाली सरकार में विदेश मामलों के मंत्री बने. विदेश मंत्री बनने के बाद वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे जिन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा को हिंदी भाषा में संबोधित किया. इससे पहले इस विश्व मंच पर किसी ने हिंदी में भाषण नहीं दिया था। 27 मार्च, 2015 को उन्हें देश के सर्वाेच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शौर्य डोभाल ने कहा जब हम अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हैं तो राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते मूल्य आधारित राजनीति का विचार हम सभी के सामने आता है। आज विश्व उनके राजनीतिक मूल्यों का अनुसरण कर रहा है और इस विचार से ही आज भारतीय जनता पार्टी केंद्र में और अनेक राज्यों में स्थापित हुई है। उन्होंने कहा ष्बेस्ट पॉलिटिक्स – बेस्ट गवर्नमेंटष् अगर इस विचार पर हम आगे लेकर चलेंगे तो हमें जनता बार बार मौका देगी। हमने जो भारत के लिए सपने देखे हैं और अटल बिहारी बाजपेई ने ने अपने वक्तव्य में अनेक मंचों से प्रस्तुत किया है उसको हम पूर्ण कर पाएंगे। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, चुनाव सह प्रभारी सरदार आरपी सिंह, प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय जी, प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल, ज्योति प्रसाद गैरोला, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी, प्रदेश कार्यालय सचिव कौस्तुभ आनंद जोशी, पदाधिकारी गण, विशिष्ट महानुभाव व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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