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आईएमएस विश्वविद्यालय में स्कूल ने सबसे बड़ी किस्म के टार्ट्स तैयार करने की प्रतियोगिता आयोजित की

-इसको लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (एलबीआर) के आगामी संस्करण 2023 में शामिल करने के लिए भेजा जाएगा

देहरादून। आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट ने आज लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होने के लिए सबसे बड़ी किस्म के टार्ट्स तैयार करने की एक विशेष पाक चुनौती का आयोजन किया। हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट स्कूल के विद्यार्थियों ने टार्ट्स (एक बेकरी आइटम) की 550 किस्मों के संयोजन द्वारा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (एलबीआर) के आगामी संस्करण 2023 में शामिल करने के लिए भेजा जाने वाला नया रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया। 150 मिनट के भीतर 550 -किस्मों, प्रत्येक किस्म के दो टुकड़ों का संयोजन, शेफ अभय चमोती और शेफ देवाशीष पांडे, सहायक प्रोफेसर की अध्यक्षता में फैंटास्टिक 36ष् नामक आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट के छात्रों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों की टीम द्वारा प्रयास किया गया। कुल मिलाकर 1100 टार्ट तैयार किए गए।
पूरे आयोजन का उद्देश्य कम से कम समय में टार्ट की अधिकतम किस्मों को तैयार करना था। इस कार्यक्रम में विभिन्न लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय टार्ट किस्मों को विभिन्न प्रकार के टॉपिंग के साथ प्रदर्शित किया गया जिसे टीम फैंटास्टिक 36 द्वारा तैयार किया गया था। शेफ अभय चमोली और शेफ देवाशीष ने बताया कि कई अलग-अलग तरह के टार्ट बनाना एक मुश्किल काम था। इसको एक ही समय में तैयार किए जा रहे टार्ट्स का सबसे बड़ा संग्रह बनाने के लिए सभी संभावित तकनीकी प्रकार के टार्ट्स का निर्माण किया गया था। यह कार्य इससे पहले दुनिया में कहीं और नहीं किया गया है। प्रो. विनय राणा, डीन स्कूल ऑफ हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट ने जानकारी देते हुए कहा कि पूरे आयोजन के लिए टीम ने व्यापक अध्ययन किया है। इस उपलब्धि की तैयारी के लिए विभिन्न दिनों में विभिन्न अभ्यास सत्र आयोजित किए गए। इस रिकॉर्ड को स्थापित करने का लक्ष्य छात्रों में नई चुनौतियों का सामना करने की इच्छा पैदा करना है और छात्रों के एक समूह के रूप में इस उपलब्धि को हासिल करना टीम वर्क का आदर्श उदाहरण होगा। कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति डॉ. गौतम सिन्हा ने सुबह 11 बजे झंडी दिखाकर की और दोपहर 1.30 बजे समाप्त हुई। कुलपति, डॉ गौतम सिन्हा ने कहा कि आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय को छात्रों और शिक्षकों की उपलब्धि पर बेहद गर्व है। विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह की पहल करने के पीछे का उद्देश्य छात्रों के लिए कक्षा से सीखने के अनुभव की शुरुआत करना और एक सार्थक चुनौती लेना है। यह आयोजन देहरादून और उत्तराखंड राज्य को गौरवान्वित करेगा। इस कार्यक्रम को जजों के पैनल ने देखा और सत्यापित किया। इस पैनल मे सुरेश चंद्र जोशी, अतिरिक्त सचिव उत्तराखंड सरकार, कृष्ण मोहन सिंह परियोजना प्रबंधक उत्तराखंड पेयजल निगम, डॉ जगदीप खन्ना प्रिंसिपल आईएचएम देहरादून, और विशाल राणा- अधिशाषी अभियंता यूपीसीएल रहे। इस अवसर पर संकाय सदस्य अमित तारियाल, सुमित प्रताप, नवीन उनियाल, शशिकांत, दीपिका सजवान, मेघा शर्मा और लैब प्रभारी शैलेंद्र राजेश कुमार और पुरुषोत्तम भी मौजूद रहे।

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