देहरादून। युवा महिला शक्ति स्वयं सहायता समूह की सफलता की कहानी की शुरुआत कुछ इस प्रकार से हुयी, सर्व प्रथम राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत सी0आर0पी0 राउण्ड के दौरान सी0आर0पी0 टीम द्वारा 12 महिलाओं को मिलाकर युवा महिला शाक्ति स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया 6 माह बाद ग्राम संगठन से जुडने के बाद सी0आई0एफ0 एवं सी0सी0एल0 से समूह की महिलाओं ने दीपावली पर गौबर के दीये एवं होली पर हर्बल रंग बनाकर अपनी आजीविका को बढाया 2020 में समुह की महिलाओं के मन में साबुन बनाने का विचार आया। इसके लिये समुह की अध्यक्ष सुनीता देवी द्वारा यूट्यूब पर खोजना शुरू किया। फिर क्या था मेहनत का फल तो मिलता ही है। समूह के द्वारा हर्बल साबुन बनाना शुरू किया गया, शुरूआत में परेशानियों का सामना भी करना पडा साबुन खराब हुए किन्तु बार-बार प्रयास करने एवं गलतियों को सुधारने के पश्चात सफलता हाथ लगी जब साबुन तैयार हो गया ता सुनीता देवी ने सबसे पहले अपने घर पर इस्तेमाल किये उसके बाद समूह की महिलाओं ने इस्तेमाल किया उसके बाद आस-पास लोगों को प्रयोग करने के लिए दिये जब लोगों ने साबुन की प्रशंसा की तो सुनीता देवी जी का आत्मविशवास बढा और उन्होनें इस कार्य को करना शुरू कर दिया ओर पीछ मुडकर नहीं देखा और साबुन का नाम एकलव्य हर्बल साबुन रखा। जिसने भी साबुन का प्रयोग किया वह प्रशंसा ही करता है साबुन की मांग हमेशा रहती है समय-समय पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तहत लगने वाले सरस मेलों एवं अन्य आयोजन में समुह द्वारा स्टाॅल लगायी जाती है जिसमें साबुन की अच्छी ब्रिक्री होती है। समूह के इस कार्य के लिये सुनीता देवी को लोकल फाॅर वोकल के तहत सम्मानित भी किया गया है। आज सुनीता देवी को लोग उनके नाम से कम और उनके द्वारा बनाये जा रहे साबुन से ज्यादा पहचानते है उनके लिये यह एक उपलब्धि से कम नहीं है।
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