विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के कार्मिकों के वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत निर्धारित सुगम- दुर्गम क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण को लेकर ’सबसे पहले मोर्चा द्वारा लड़ाई लड़ी गई थी तथा इस मामले को मोर्चा द्वारा शासन के समक्ष दिए रखा गया था, जिस के क्रम में निदेशक प्राविधिक शिक्षा द्वारा पूर्व की स्थिति (वर्ष 2018) के आधार पर दुर्गम दर्शाए गए कॉलेजों को सुगम तथा सुगम दर्शाए गए कॉलेजों को दुर्गम मे तब्दील कर दिया गया, जोकि मोर्चा की बहुत बड़ी जीत है। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में नेगी ने कहा कि राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के कार्मिकों के कोटिकरण में अव्यवहारिक परिवर्तन किया गया था, जो किसी भी दृष्टि से व्यवहारिक नहीं था द्य जनपद पौड़ी को (नगर पालिका कोटद्वार एवं भाबर क्षेत्र को छोड़कर) दुर्गम क्षेत्र दर्शाया गया था, जबकि श्रीनगर (पौड़ी) में मेडिकल कॉलेज, एनआईटी, सेंटर यूनिवर्सिटी एवं पॉलिटेक्निक निदेशालय नेशनल हाईवे पर स्थित हैं तथा पौड़ी में गढ़वाल कमिश्नरी एवं इंजीनियरिंग कॉलेज है, लेकिन इसको दुर्गम दर्शाया गया था। इसी प्रकार जनपद नैनीताल में उच्च न्यायालय, कुमाऊं कमिश्नरी, कुमाऊं यूनिवर्सिटी आदि विद्यमान हैं, लेकिन इनको भी दुर्गम दर्शाया गया था। जनपद अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज व जिला मुख्यालय स्थित है, लेकिन इसको भी दुर्गम दर्शाया गया और इसी कड़ी में जनपद टिहरी मुख्यालय को दुर्गम एवं नरेंद्रनगर टिहरी, जहां पर पांच सितारा होटल मौजूद है, उसको दुर्गम दर्शाया गया था। नेगी ने कहा कि इस प्रकार के अव्यवहारिक निर्धारण से सिफारिश विहीन कार्मिक का शोषण हो रहा था। पत्रकार वार्ता में-विजय राम शर्मा एवं सत्येंद्र सिंह रावत मौजूद थे।