-दमयंती रावत प्रतिनियुक्ति फर्जीवाड़ा एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड महाघोटाले पर नप रही है गर्दन
-कर्मकार कल्याण बोर्ड के 100 करोड़ की खरीद का है महाघोटाला
-फर्जीवाड़ा कर 107 बीघा जमीन हथियाने का है मामला
-प्राइवेट अस्पतालों को करोड़ों रुपए की बंदरबांट का है मामला
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कल पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने अचानक महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चौखट पर (घर) पहुंच कर अपने गुनाहों, महा घोटालों एवं अपनी बेहद करीबी दमयंती रावत( तत्कालीन सचिव कर्मकार कल्याण बोर्ड) की प्रतिनियुक्ति मामले में हुए फर्जीवाड़े एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव रहते हुए लगभग 100 करोड़ के महा घोटाले में गर्दन फंसती देख पनाह मांगी।
इससे प्रतीत होता है कि इनके एवं इनके गैंग की नींद उड़ी हुई है। हरक मामले में दावा तो राजनीतिक घटनाक्रम बताया जा रहा है, जबकि मामला बिल्कुल इसके उलट है। नेगी ने कहा कि तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए लगभग 100 करोड रुपए की खरीद एवं वितरण घोटाले की जांच एवं तत्कालीन सचिव कर्मकार कल्याण बोर्ड दमयंती रावत की प्रतिनियुक्ति मामले एवं इनके द्वारा किए गए महा घोटाले, जिसमें साइकिल, सिलाई मशीन, वेल्डिंग मशीन, टूल किट आदि करोड़ों रुपए की खरीद एवं वितरण घोटाला, खाद्यान्न किट घोटाला, शंकरपुर ,सहसपुर में लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने का मामला तथा इसी क्रम में कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रुपया अपने मेडिकल कॉलेज (डीआईएमएस) एवं अन्य प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के नाम पर बंदरबांट किए जाने एवं अन्य कई घोटालों का दाग है। इसके साथ-साथ हरक द्वारा निजी स्वार्थ के चलते निजी आयुष महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों की फीस वृद्धि मामले में न्यायालय के आदेश को दरकिनार करने का भी दाग है, जिसके द्वारा गरीब छात्रों को लूटा गया।