टिहरी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेंद्रनगर में रैंकर मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस प्रशिक्षण के समापन समारोह में पहुंचे। राज्यपाल गुरमीत सिंह पुलिस प्रशिक्षण के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को सम्मानित किया। इस समारोह में 254 आरक्षी 4 माह के प्रशिक्षण के उपरांत मुख्य आरक्षी में सम्मिलित हुए।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि प्रशिक्षण का तात्पर्य किसी विशेष उद्देश्य के प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा से है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण आपको अपनी सेवा के दौरान कार्य करने में सहायक और मागदर्शक होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को नागरिकों की सेवा व सुरक्षा के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए निपुणता, कार्यकुशलता और उच्च आदर्शों के साथ सेवा भावना से कार्य करने में प्रशिक्षण महत्वपूर्ण सहायक होता है। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का कार्य अत्यंत कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है। अनुशासन के दायरे में रहकर लगातार नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना कठिन परिश्रम की मांग करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पुलिस के सामने नई चुनौतियां हैं।इनमें साइबर क्राइम, महिला अपराध, यातायात प्रबंधन, नशा रोकना, मानव तस्करी रोकना जैसी बड़ी चुनौतियां हैं जिनमें हर हाल में निपटना ही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन के अवसर हैं जो पेशेवर पुलिसिंग की मांग करते हैं। इसके अलावा बाढ़, अतिवृष्टि, भूस्खलन, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियां भी हैं। सेवाकाल के दौरान पुलिस को इन सबसे निपटना और समाधान भी खोजना है। राज्यपाल ने कहा कि इन चुनौतियों को आपके पाठ्यक्रम में शामिल कर प्रशिक्षण को परंपरागत पुलिसिंग के साथ ही नई चुनौतियों को सामना करने हेतु तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि पीटीसी को राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण संस्थान बनाने हेतु भी प्रयासरत हैं तथा इस संबंध में केंद्र से सहयोग के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार ने उपस्थित मुख्य आरक्षियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका बेहद महत्वपूर्ण रोल होने वाला है. मुख्य आरक्षी बनकर प्रत्येक थानों में सभी की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रहेगी।
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