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भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ में 131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये

-एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में की गई हैं तैनात

देहरादून। सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने बुधवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायीध्अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की ओर से एन०डी०आर०एफ० की दो टुकड़ियां पूर्व से ही जोशीमठ में तैनात हैं तथा एक टुकड़ी गौचर में तैयार रखी गई है। एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है।  भारत सरकार द्वारा अपने विभिन्न तकनीकी संस्थानों को यह निर्देश दिये गये है कि जोशीमठ में घटित हो रही है आपदा के सम्बन्ध में की जा रही जांच ध् सर्वे की कार्यवाही को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाये।   जेपी काॅलोनी में पानी का रिसाव कम हुआ है, जोकि एक राहत की खबर है।  131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है।  विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 462 है।
अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कक्षध्कमरे है जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष कमरे हंै जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। उन्हें चिहिन्त कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार रू 5000 की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 53 (कुल 2.65 लाख रूपये) प्रभावितों को वितरित की गई है।  तीक्ष्ण ध् पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतुः 10 प्रभावितों को  13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है।  जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उददेश्य से ई०पी०सी० मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त करते हुये अग्रेत्तर कार्यवाही की जा रही है।  जोशीमठ में आपदा प्रभावित एच०टी०ध्एल०टी० लाईनों एवं परिर्वतकों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रू 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि अभी तक 723 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। गांधीनगर, सिंहधार, मनोहरबाग, सुनील क्षेत्र ध् वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 86 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

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