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भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने को प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का कैबिनेट ने लिया निर्णय

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये प्रदेश में शीघ्र सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोचे भी नहीं। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच करने वाली एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। अब भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके। नकल विरोधी कानून के प्रविधानों से यह व्यवस्था बन जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का मनोबल बनाये रखने के लिये राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिये सरकार कृत संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब यह भी व्यवस्था बनायी गई है कि लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अभि सूचना इकाई को भी सक्रिय किया जायेगा, ताकि इन परीक्षाओं की कड़ी निगरानी हो सके।
उन्होंने कहा कि नकल माफियाओं के लगातार सक्रिय रूप से तैनात होने तथा परीक्षा पेपर को लीक आउट कराये जाने से परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी, जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार तथा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं से पूर्व अभिसूचना इकाई को सक्रियता से तैनात किया जाय, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो पाये। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के स्तर पर आदेश भी निर्गत किये जा चुके हैं।

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