-कई नेताओ का पुलिस ने लिया हिरासत में
देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के नाम का खुलासा, महंगाई और भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय कूच किया। प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी शामिल हुए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इससे नाराज कांग्रेसियों ने बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेजा। बता दें कि आज यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने सचिवालय कूच किया। कांग्रेसियों ने सचिवालय घेराव करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी नेताओं और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मिर्च के स्प्रे करने पड़े।
बैरिकेडिंग की मदद से पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया। कांग्रेसियों का कहना है कि वो लगातार जमीन से जुड़े मुद्दों को लेकर संघर्ष करते रहेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि उत्तराखंड में अजीब से हालात पैदा हो गए हैं। जोशीमठ की आपदा, केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में सोने की परत का मामला हो या फिर अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब तक वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है।
इन सभी मुद्दों को लेकर पूरा पहाड़ आंदोलनरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार भर्ती घोटाले हो रहे हैं, लेकिन सरकार घोटालों की सीबीआई जांच कराने से पीछे हट रही है। उन्होंने कहा कि अंकिता हत्याकांड में वीआईपी को बचाने के लिए पूरी सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। उनका आरोप है कि अंकिता हत्याकांड में जानबूझकर सबूतों को मिटाया गया, ताकि उस वीआईपी को बचाया जा सके। करन माहरा का कहना है कि उन्हें डर है कि अंकिता हत्याकांड में सभी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर केस को खत्म ही न कर दें। उस वीआईपी को बचाने के लिए पूरी कवायद की जा रही है। पहाड़ के स्वाभिमान और अस्मिता की रक्षा करने के लिए कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी।