देहरादून। संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, जाखन, देहरादून, उत्तराखंड को फॉग्सी मान्यता प्रमाणन प्राप्त हुआ। फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एण्ड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया एक प्रोफेशनल सोसाइटी है जो कि अस्पतालों के कार्यों की गुणवत्ता एवं उनके सुधार का समय समय पर आंकलन करती रहती है और यह सुनिश्चित करती है कि निजी सुविधाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशासित गुणवत्ता देखभाल मानकों का पालन करें और अपने रोगियों को सुरक्षित और सम्मानजनक देखभाल प्रदान करें। यह पहल डॉक्टर और नर्सों की एक कुशल और सक्षम टीम बनाने पर केंद्रित है जो कि 16 नैदानिक मानकों के आधार पर गर्भावस्था के हर पहलू को सम्मिलित करती है जिसमें प्रसवपूर्व देखभाल से लेकर प्रसवोत्तर परिवार नियोजन परामर्श तक। इस पहल के अन्तर्गत प्रशिक्षित नर्सो द्वारा गर्भवती माताओं के आचरण और प्रबंधन के तरीके में एक महत्वपूर्ण अंतर लाती है, विशेष रूप से पीपीएच (प्रसवोत्तर रक्तस्राव), एक्लम्पसिया आदि जैसी जीवन-घातक जटिलताओं के प्रबंधन में।
संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ 100 वीमेंस अचीवर्स ऑफ इंडिया राष्ट्रपति से सम्मानित डॉ. सुजाता संजय ने कहा कि हमारा अस्पताल एक महिला के जीवन काल के सभी चरणों में गुणवत्तापूर्ण देखभाल की सुविधा प्रदान करने के लिए समर्पित है। इसलिए हमारे जैसे अस्पताल के लिए जहां पहले से ही बहुत से नियम मौजूद थे। मान्यता ने हमें न केवल उन नियमों पर फिर से जोर देने का मौका दिया, बल्कि हम पहले की तुलना में अधिक संगठित हुए और हमें खुद का आत्मनिरीक्षण करने में मदद की। पाठ्यक्रम बहुत व्यापक है और प्रशिक्षण सत्र इस तरह से संरचित हैं कि सब कुछ सरलता से लेकिन बहुत गहराई से समझाया गया है। कुल मिलाकर यह हमारे नर्सिंग स्टाॅफ के लिए एक संतुष्टिदायक कार्यक्रम रहा है और मैं दूसरों को भी मान्यता प्रशिक्षण से गुजरने की सलाह दूंगी। अस्पताल के निदेशक पद्मश्री से सम्मानित डॉ. बी. के. एस. संजय ने कहा कि किसी भी कार्य की गुणवत्ता कार्यकर्ता की गुणवत्ता के ऊपर निर्भर करती है और कार्यकर्ता की गुणवत्ता उसके शिक्षण एवं प्रशिक्षण पर निर्भर करती है। फॉग्सी कि मान्यता प्रमाणन पहल का उद्देश्य है कि देश की मातृ एवं स्वास्थ्य संबंधी प्राथमिकताओं को सुनिश्चित करना है कि महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण देखभाल मिले जिसकी वे हकदार हैं। मान्यता प्रमाणन गुणवत्ता में सुधार के लिए नैदानिक मानकों पर कठोर प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन के एक सख्त दौर पर आधारित है ताकि प्रमाणन केवल उन सुविधाओं को प्रदान किया जा सके जो देखभाल का इष्टतम स्तर प्रदान कर रहे हैं।