शामली – प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के दामो में कई बढ़ोतरी से नाराज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया और बिजली की बढ़ाई गई दरो को वापिस करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
आपको ज्ञात हो कि हाली ही में प्रदेश सरकार ने बिजली के दामो में बढ़ोतरी की है जिससे किसानों में नाराजगी है। जिसके चलते भारतीय किसान यूनियन के सैंकड़ो कार्यकर्ताओ ने कलैक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। किसान यूनियन का कहना है कि बिजली के पुनिर्धारण हेतु हर वर्ग के उपभोगताओं से वार्ता की जाए। किसानों का कहना है बिजली से उनके नलकूप चलते है। बिजली महंगी होने के कारण उनकी फसल की लागत बढ़ जाएगी। जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान होगा और उन पर कर्ज़ का भार बढ़ जाएगा। बिजली की बढ़ी दरों से उनकी कमर टूट जाएगी। किसान यूनियन का कहना है कि किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाई जाए। अगर उन्हें आवारा पशुओं से निजात नही दिलाई गई तो सभी किसान आवारा पशुओं को पकड़कर उन्हें लाकर कलैक्ट्रेट में भर देंगे।
भारतीय किसान यूनियन प्रेसप्रवक्ता कुलदीप पंवार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने किसानो पर बिजली की जो बेताशा वर्धी कर दी है। 50 से 150 प्रतिशत तक वर्धी है। उसी के विरोध में आज सभी जिला तहसीलो पर हमारा प्रदर्शन है। और हमारी मांग है। कि बिजली की वर्धी वापस ली जाये। किसान का 14 दिन में गन्ने का भूगतान कराया जाये। और शामली का ये भी दुर्भाग्य है। कि गन्नामंत्री शामली के है। और उसके बाद भी भूगतान में सबसे पीछे है। अवारा पशुओ (गौवंश) जिन्होने किसानो की फसलो का नाश कर दिया है। उनकी या तो कही रखने की व्यवस्था की जायें नही तो अगले महीने से उन्हे पकड कर थानो व कलैक्ट्रेट में बांध दिये जायेगे। आलू व गेहू की फसल बौने वाले किसान को बौनस दिया जाये। या तो सरकार हमारी बात सुने नही तो आगे चक्काजाम करने की रणनीति बनाई जायेगी।
next post