देहरादून। देश की पारंपरिक चिकित्सा को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाने के लिए मुहिम गतिमान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की प्रकृति परीक्षण अभियान कैंपेन को देश भर में प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है। इस क्रम में देश के विभिन्न राज्यों में देश का प्राकृतिक
परीक्षण अभियान के तहत कोर्डिनेटरों की नियुक्ति की गई है। उत्तराखण्ड से डॉ अनिल थपलियाल को इस मुहिम का राज्य समन्वयक बनाया गया है। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (भारत सरकार) के द्वारा डॉ अनिल थपलियाल को प्राकृतिक परीक्षण अभियान का स्टेट कोओर्डिनेटर चुना गया है। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवन्द्र दास जी महाराज, विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति-कुलपति, कुलसचिव एवम् स्कूल ऑफ योगिक साइंस एण्ड नैचुरोपैथी के डीन डॉ कंचन जोशी ने डॉ अनिल थपलियाल को बधाई दी।
डॉ अनिल थपलियाल विगत 20 वर्षों से योग एवम् प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में सेवारत हैं। वर्तमान में वह श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) के स्कूल ऑफ योगिक साइंस एण्ड नैचुरोपैथी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इस मुहिम के तहत देश की पारंपरिक चिकित्सा से जुड़ी पद्धतियों को घर घर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। डॉ अनिल थपलियाल ने कहा श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआर आरयू) के स्कूल आफ योगिक साइंस एण्ड नैचुरोपैथी विभाग पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विभन्न प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। हमारा यह ध्येय है कि उत्तराखण्ड के गांव गांव तक पारंपरिक चिकित्सा को पहुंचाया जाए। हम सभी मिलकर यह प्रयास करेंगे कि इस चमत्कारी चिकित्सा पद्धति का लाभ सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में बैठे प्रत्येक ग्रामीण को मिल सके।