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धाकड़ धामी ने लिए सख्त फैसलें, 3 साल रहे बेमिसाल

देहरादून। धामी सरकार ने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल में उत्तराखंड के विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, वे राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनसे न केवल राज्य की बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी संरक्षण हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह सरकार विकास, सामाजिक न्याय और राज्य की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है, जो राज्य के उज्जवल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के वादे के अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की। यह कदम महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने, सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने और समाज के विभिन्न वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया। इस पहल को न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में सराहा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस निर्णय की मुक्त कंठ से सराहना की और इसे एक नजीर के रूप में पेश किया।
धामी सरकार ने राज्य की भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 144,500 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। यह कदम राज्य के प्राकृतिक संसाधनों और भूमि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। इसके साथ ही, भू कानून को और भी सख्त किया गया, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि का बाहरी व्यक्तियों द्वारा कब्जा न हो सके।
धामी सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण लागू किया, जिससे उन्हें सरकारी सेवा में समान अवसर मिले। इसके अलावा, वृद्धावस्था पेंशन योजना, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान और दिव्यांग पेंशन योजना की राशि में वृद्धि की गई, जिससे राज्य के वृद्धजन और विकलांग व्यक्तियों को और अधिक सहायता प्राप्त हो सके।
धामी सरकार ने राज्य के आर्थिक विकास और युवाओं को रोजगार देने के लिए कई योजनाओं को लागू किया। 20,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर प्रदान किया गया। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में भी कई योजनाओं की शुरुआत की गई, जैसे ष्सीएम किसान प्रोत्साहन निधिष्, जिससे किसानों को आर्थिक मदद मिल सके।
धामी सरकार ने राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। चारधाम सर्किट में मंदिरों और गुरुद्वारों का भौतिक ढांचा और परिवहन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिए श्मानसखण्ड मंदिर माला मिशनश् की शुरुआत की गई। इसके साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।

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