News Update उत्तराखण्ड सिटी अपडेट

किसी वस्तु को सदा के लिए अपने पास रखने की इच्छा ही मायाः सौरभ सागर जी महामुनिराज

देहरादून। संस्कार प्रणेता ज्ञानयोगी जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणा स्रोत, उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज के पावन सान्निध्य में संगीतमय कल्याण मंदिर विधान का आयोजन निरंतर अत्यंत उत्साह और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हो रहा है।
आज के विधान के पुण्यार्जक जिनवाणी जाग्रति मंच रहे। मंच की समर्पित महिलाओं द्वारा पूज्य आचार्य श्री को श्रीफल अर्पित कर 44 कल्याण मंदिर विधान करने का संकल्प लिया गया। साथ ही प्रभु समर्पण समिति द्वारा भी इस विधान का संकल्प विधिवत रूप से लिया गया।
भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति आराधना के उन्नीसवें दिन पूज्य आचार्य श्री सौरभ सागर जी ने आज के प्रवचन में कहा “हमारी यह सोच कि जो कुछ हमारे पास है, वह स्थायी है, यही तो मोह है। किसी वस्तु को पकड़ने या सदा के लिए अपने पास रखने की इच्छा ही माया है। यह शरीर, माता-पिता, भाई-बहन, संबंधी, मित्र, पड़ोसी धन-संपत्ति, मान-अपमान इनमें से कुछ भी हमारे साथ सदा नहीं रहने वाला है।
इसलिए जब तक जीवन में हैं, उसका सदुपयोग करो, और जब ये चीजें जाने लगें, तो उन्हें जाने दो। न पकड़ने की कोशिश करो और न खोने का शोक मनाओ। ये सब प्रकृति के द्वारा किसी विशेष उद्देश्य हेतु हमें थोड़े समय के लिए दिए गए हैं, और जब वह उद्देश्य पूर्ण हो जाता है, तो ये वापस ले लिए जाते हैं। यह संसार भी स्वप्न के समान है। स्वप्न थोड़े समय के लिए आता है और चला जाता है। वैसे ही इस संसार का सुख-दुःख भी क्षणिक है। महावीर भगवान कहते हैं-वो मोह करो जिसमें भविष्य का स्थायी सुख मिले, न कि तत्कालिक मोह जो पाप रूप होता है।’ धर्म की आराधना पुण्यरूप मोह है।“

Related posts

104 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से हथकड़ी पहनाकर भारत भेजे जाने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

Anup Dhoundiyal

उत्तराखण्ड मैट्रो रेल परियोजना के काॅम्प्रीहेंसिव माॅबिलिटी प्लान (सी.एम.पी) को मंजूरी 

Anup Dhoundiyal

उत्तराखंड में इन्वेस्टर समिट के आयोजन को लेकर दिल्ली में हुआ रोड शो का आयोजन

Anup Dhoundiyal

Leave a Comment