News Update उत्तराखण्ड सिटी अपडेट

राज्य निगम कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, लंबित मांगों को लेकर महासंघ ने सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य निगम कर्मचारी महासंघ की एक अहम बैठक उत्तराखण्ड रोडवेज इम्पलाइज यूनियन के प्रान्तीय कार्यालय, 66 गांधी रोड, देहरादून में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने की, जबकि संचालन प्रदेश महामंत्री नन्दलाल जोशी द्वारा किया गया। बैठक में महासंघ से जुड़े सभी घटक संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री, कार्यकारिणी पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। बैठक में उत्तराखण्ड परिवहन निगम, जल संस्थान, मसूरीदृदेहरादून विकास प्राधिकरण, स्वजल, वन विकास निगम, गढ़वाल मण्डल विकास निगम, दुग्ध संघ, उत्तराखण्ड जिला पंचायत, बहुउद्देशीय वित्तीय विकास निगम सहित विभिन्न निगमों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में अपने-अपने निगमों से जुड़ी गंभीर समस्याओं को महासंघ के समक्ष रखते हुए सरकार की उदासीनता पर रोष व्यक्त किया।
बैठक में यह प्रमुख रूप से सामने आया कि महासंघ द्वारा पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार को पत्र संख्या 37 दिनांक 09 अक्टूबर 2024 को विस्तृत मांगपत्र प्रेषित किया गया था, लेकिन आज तक उस पर न तो कोई वार्ता हुई और न ही ठोस कार्रवाई। लंबे समय से लंबित मांगों के कारण निगम कर्मचारियों में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पुनः मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रेषित कर समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की जाएगी।बैठक में कर्मचारियों के विनियमितिकरण का मुद्दा सबसे प्रमुख रूप से उठाया गया। महासंघ ने राज्य सरकार से मांग की कि संविदा, तदर्थ, अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी, वर्कचार्ज एवं उपनल कर्मचारियों के विनियमितिकरण के लिए तय की गई कटऑफ तिथि 04 दिसंबर 2018 पर पुनर्विचार किया जाए। महासंघ का कहना है कि वन टाइम सेटलमेंट के अंतर्गत इस कटऑफ तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 किया जाना चाहिए, ताकि वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों को न्याय मिल सके।
उत्तराखण्ड परिवहन निगम में कार्यरत विशेष श्रेणी के चालक, परिचालक एवं बाह्य स्रोत से कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों को विनियमितिकरण नियमावली में शामिल न किए जाने पर भी गहरी नाराजगी जताई गई। पदाधिकारियों ने कहा कि ये कर्मचारी वर्षों से निगम की रीढ़ बनकर कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आज भी नियमितिकरण का लाभ नहीं मिल पाया है। सहकारी दुग्ध शालाओं में कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति पर भी बैठक में गंभीर चिंता व्यक्त की गई। बताया गया कि इन कर्मचारियों को अब तक सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है, जबकि छठे वेतनमान के अंतर्गत मिलने वाला महंगाई भत्ता भी पिछले तीन वर्षों से लंबित है। महासंघ ने मांग की कि दुग्ध शालाओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों को अन्य निगमों की भांति सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए और जब तक यह लागू नहीं होता, तब तक रोके गए सभी महंगाई भत्तों का तत्काल भुगतान किया जाए।
उत्तराखण्ड जल संस्थान में बिना सीजन एवं नीति के विरुद्ध किए गए स्थानांतरणों का मुद्दा भी बैठक में प्रमुखता से उठाया गया। महासंघ ने ऐसे सभी स्थानांतरण आदेशों को तत्काल निरस्त करने की मांग की, ताकि कर्मचारियों को अनावश्यक मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक परेशानी से राहत मिल सके। इसके अतिरिक्त प्रदेश में परिवहन से जुड़े अवैध संचालन पर पूर्ण रोक लगाने की मांग भी बैठक में जोरशोर से उठाई गई। परिवहन निगम के पदाधिकारियों ने कहा कि अवैध संचालन के कारण निगम को भारी राजस्व हानि हो रही है और इसका सीधा असर कर्मचारियों के भविष्य पर पड़ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न निगमों में कार्यरत कर्मचारी वर्षों से सरकार की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि महासंघ द्वारा बार-बार मांगपत्र भेजे जाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। यदि अब भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो राज्य निगम कर्मचारी महासंघ आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए महासंघ किसी भी स्तर पर संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा। प्रदेश महामंत्री नन्दलाल जोशी ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें पूरी तरह जायज हैं और इन्हें नजरअंदाज करना दुर्भाग्यपूर्ण है। विनियमितिकरण, वेतनमान, महंगाई भत्ता और अवैध संचालन जैसे मुद्दे सीधे कर्मचारियों के जीवन और भविष्य से जुड़े हैं। सरकार को चाहिए कि इन समस्याओं पर गंभीरता से विचार करे और शीघ्र निर्णय ले। यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ तो महासंघ को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। बैठक के अंत में उपस्थित सभी घटक संगठनों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने एकजुट होकर कर्मचारियों के हितों के लिए संघर्ष को और तेज करने का संकल्प लिया।

Related posts

पहाड़ के गाँधी स्व. इंद्रमणि बडोनी को पुण्यतिथि पर उक्रांद ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

Anup Dhoundiyal

महाराज ने केन्द्रीय मंत्री से टिबरसैंण महादेव यात्रा की अनुमति प्रदान करने को कहा

Anup Dhoundiyal

अतिक्रमण मुक्त अभियान के दौरान हटाये गए अवैध होर्डिंग्स

Anup Dhoundiyal

Leave a Comment