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अब उत्तराखंड को मिलेगी 630 मेगावाट बिजली

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल रंग लाती दिख रही है। केंद्रीय जल संसाधन विकास मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में अपर यमुना रिव्यू कमेटी की सातवीं बैठक में उत्तराखंड को बड़ी कामयाबी मिली है। अब 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देश्यीय परियोजना की कुल उत्पादित यानी 300 मेगावाट बिजली पर राज्य का ही अधिकार होगा। वहीं 660 मेगावाट की किशाऊ परियोजना में 50 फीसद यानी 330 मेगावाट बिजली राज्य के हिस्से आएगी। इससे भविष्य में उत्तराखंड को उक्त दोनों अहम परियोजनाओं से कुल 630 मेगावाट बिजली मिलेगी।

नई दिल्ली में हुई बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लखवाड़ व किशाऊ बहुद्देश्यीय जलविद्युत परियोजनाओं पर राज्य का पक्ष मजबूती से रखा। बैठक में मौजूद रहे मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि लखवाड़ परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जा चुका है। परियोजना में ऊर्जा उत्पादन का पूरा खर्च उत्तराखंड उठाएगा। इस पर सभी राज्यों की सहमति मिल चुकी है।

बैठक में यह तय हुआ कि परियोजना के जल का वितरण वर्ष 1994 के समझौते के आधार पर किया जाएगा। सभी संबंधित राज्य इस समझौते पर अपनी सहमति शीघ्र जारी करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किशाऊ परियोजना के संबंध में बिजली और पानी का बंटवारा लखवाड़ के अनुसार करने की मांग की।

बैठक में लखवाड़ परियोजना को लेकर राजस्थान की ओर से आ रही रुकावट को दूर किया गया। यह तय हुआ कि लखवाड़ परियोजना के लिए वित्तीय सहायता को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी जल्द मंजूरी देगी। इसके बाद परियोजना पर निर्माण कार्य की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। मुख्य सचिव ने बताया किशाऊ परियोजना की 50 फीसद बिजली उत्तराखंड और 50 फीसद हिमाचल को मिलेगी।

साथ ही यमुना घाटी पर स्थित तीनों परियोजनाओं किशाऊ, लखवाड़ व रेणुका परियोजना से जल बंटवारे के लिए 1994 में हुए समझौते में सहभागी राज्यों की सहमति लंबे समय से बन नहीं पा रही थी। बैठक में सभी राज्यों ने जल्द समझौता प्रपत्र पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया है।

 

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