देहरादून: उत्तराखंड के सभी जिलों में मस्जिदों, ईदगाह में आज ईद उल फितर की नमाज पढ़ी गई। इस दौरान देश की खुशहाली की कामना की गई। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई भी दी। वहीं, बारिश के चलते जोशीमठ के गांधी मैदान में ईद की नमाज नहीं पढ़ी जा सकी। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बस अड्डे पर नमाज पढ़ी गई। रामनगर में भी ईदगाह की बजाय जामा मस्जिद में नमाज पढ़ी गई।
गत रात को चांद रात का एलान होते ही माहौल में गजब का उल्लास छा गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी कि एक महीने तक रोजे रखने और इबादत के बाद अल्लाह ने ईद के रूप में उन्हें इनाम दिया। हालांकि, आसमान में जमी धूल की परत और बादलों के छाए रहने के कारण दून में चांद का दीदार नहीं हुआ।
30 रोजे पूरे होने और लखनऊ, पटना समेत अन्य शहरों से चांद दिखने की तस्दीक होने के शनिवार को ईद की नमाज पढ़ी गई। सुबह से ही ईदगाह जाने के लिए नमाजियों की सड़कों में भीड़ रही। राजधानी देहरादून में इसे देखते हुए यातायात भी डायवर्ट किया गया।
शहर की तमाम मस्जिदों में ईद उल फितर की नमाज अदा की गई। नमाजियों ने मुल्क व कौम की तरक्की, सुख-शांति के लिए दुआ मांगी और अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। चकराता रोड स्थित ईदगाह समेत शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की ईदगाह और मस्जिदों में ईद-उल-फितर की नमाज अदा की गई। सुबह नौ बजे चकराता रोड ईदगाह में शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने नमाज अदा कराई।
शहर काजी ने कहा कि ईद को सभी के साथ मिलकर मनाएं। गरीबों का विशेष ख्याल रखें। उनकी हर तरीके से मदद करें, जिससे वह भी ईद मना सकें।
कहां कब हई नमाज
मस्जिद————————समय
ईदगाह चकराता रोड——–9:00 बजे
ईदगाह माजरा—————9:00 बजे
माजरा मस्जिद————–8:30 बजे
ईदगाह मुस्लिम कॉलोनी—8:30 बजे
धामावाला मस्जिद———-8:30 बजे
ईसी रोड मस्जिद———–8.15 बजे
मेहूंवाला मस्जिद————7.30 बजे
राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने दी बधाई
राज्यपाल डॉ. केके पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद दी है। राज्यपाल ने कहा कि ईद का पर्व विश्वास, भाईचारे, सद्भावना, त्याग और क्षमा का संदेश देता है। इस पावन पर्व पर जरूरतमंदों और वंचितों निस्वार्थ सेवा का संकल्प लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईद सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। यह त्योहार सौहार्द की भावना को और मजबूत करता है। हमारे सभी धर्म हमें शांति, सद्भावना और भाईचारे की शिक्षा देते हैं।
नमाज के दौरान डायवर्ट रहा ट्रैफिक
शनिवार को ईद के मौके पर प्रमुख ईदगाहों में होने वाली नमाज के दौरान शहर में ट्रैफिक डायवर्ट रहा।
यहां लगाए गए बैरियर
-घंटाघर चौक
-बिंदाल चौक
-किशननगर चौक
-बल्लूपुर चौक
-कौलागढ चौक
-टर्नर रोड
-सुभाष नगर तिराहा
-चंद्रबनी चौक
-मोथरोवाला
-धर्मपुर चौक
ये रहा रूट प्लान
बिंदाल ईदगाह
-घंटाघर से चकराता रोड की तरफ कोई भी वाहन नहीं जाने दिया गया।
-दर्शनलाल चौक से घंटाघर होते हुए कैंट व बल्लूपुर जाने वाले वाहनों को राजपुर रोड की तरफ डायवर्ट किया। उक्त वाहन राजपुर रोड न्यू कैंट रोड से होते हुए बल्लूपुर की ओर गए।
-किशननगर चौक से शहर की तरफ आने वाले यातायात को कैंट, कौलागढ होते हुए दिलाराम, बल्लुपुर चौक की तरफ डायवर्ट किया गया।
-बल्लूपुर पर बैरियर लगाकर बल्लूपुर से शहर की ओर जाने वाले यातायात को कैंट या बल्लीवाला चौक की तरफ डायवर्ट किया गया।
क्लेमेनटाउन ईदगाह
-सहारनपुर, दिल्ली मार्ग से आने वाले यातायात को चंद्रबनी मोड़ से वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की ओर डायवर्ट किया। जहां से उक्त यातायात जीएमएस रोड शिमला बाईपास की ओर से आइएसबीटी की तरफ संचालित किया।
-आइएसबीटी से सहारनपुर, दिल्ली मार्ग की ओर जाने वाले यातायात को टर्नर रोड से थाना क्लेमेनटाउन होते हुए वाया सुभाषनगर से दिल्ली-सहारनपुर की ओर भेजा गया।
-सभी प्रकार के भारी वाहन सेल टैक्स, आरटीओ चेक पोस्ट पर सड़क के किनारे रोक दिए जाएंगे और रिस्पना से जाने वाले भारी वाहन (ट्रक) को पुरानी बाईपास चौकी के पास रोक दिया गया।
हरिश रावत ने नमाजियों को दी बधाई
कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रुद्रपुर के खेड़ा स्थित ईदगाह पहुंचे। यहां उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों को ईद की बधाई थी। साथ ही उनसे गले भी मिले। इस दौरान पूर्व सीएम के साथ सेल्फी खिंचवाने की होड़ भी रही।
ईदगाह में भरा कीचड़, जामा मस्जिद में पढ़ी नमाज
रामनगर में सुबह 20 मिनट बारिश होने के कारण ईदगाह की जगह जामा मस्जिद में अदा की गई। शनिवार सुबह 6 बजे बारिश हो गई। हर साल नमाज ईदगाह में होती थी, लेकिन ईदगाह परिसर में कीचड़ होने के कारण शहर इमाम हसन राजा मिशवाही ने जामा मस्जिद में 9 बजे नमाज अदा कराई। इसके अलावा मोहल्ला खताड़ी स्थित बड़ी मस्जिद में मुफ़्ती आमिर ने ईद की नमाज पढ़ाई गई। नमाजियों ने मुल्क की तरक्की व अमन चैन की दुआ मांगी।