मसूरी। मसूरी के सरकारी सिविल अस्पताल में शनिवार सुबह आठ बजे प्रसूता ने अस्पताल की देहरी पर ही बच्ची को जन्म दिया। आरोप है कि परिजनों के काफी शोर मचाने पर करीब आधे घंटे बाद स्टाफ और डाक्टर अस्पताल पहुंचीं। तब जच्चा-बच्चा को भर्ती कराया गया। परिजनों का कहना है कि हाड़ कंपाती ठंड में प्रसव होने से जच्चा और बच्चा दोनों की जान पर बन आई थी। उन्होंने अस्पताल पर लापरवाही का भी आरोप लगाया।
मसूरी से करीब चार किमी दूर खट्टा पानी निवासी महिला को शनिवार भोर से ही प्रसव पीड़ा हो रही थी। सुबह करीब साढ़े सात बजे परिजन उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, मगर वहां पर ताला लटका हुआ था। परिजन कविता और अंजलि ने बताया कि वह डाक्टर और अस्पताल स्टाफ को ढूंढते रहे, मगर कोई नहीं मिला। इस बीच प्रसूता ने अस्पताल के गेट पर ही बच्ची को जन्म दे दिया।
इसके बाद उन्होंने जच्चा-बच्चा को संभाला। हंगामा होने के करीब आधे घंटे बाद डाक्टर वहां पहुंचीं, तब जच्चा और बच्चा को भर्ती कराया गया। परिजनों ने बताया कि वह प्रसूता को लेकर शुक्रवार को भी अस्पताल आए थे, मगर डाक्टर ने कहा कि अभी डिलीवरी में समय है। इस पर वह घर लौट गए। आरोप लगाया कि चिकित्सक ने पूर्व में प्रसूता को देहरादून ले जाने को भी कहा था।
डा. मोनिका श्रीवास्तव (सिविल अस्पताल) का कहना है कि जब रात में प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी तो उसी समय अस्पताल लाना चाहिए था। शनिवार सुबह जैसे ही जानकारी मिली, तुरंत अस्पताल आकर जच्चा-बच्चा को भर्ती कर इलाज शुरू किया। अस्पताल की ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई है और न ही परिजनों को देहरादून जाने के लिए कहा गया था।
अस्पताल में नहीं है स्टाफ
सिविल अस्पताल मसूरी में स्टाफ का टोटा बना हुआ है। जबकि यहां पर आसपास के कई गांवों के लोग इलाज को पहुंचते हैं। अस्पताल में तीन महिला डाक्टर तैनात हैं। जिनमें एक अवकाश पर हैं। दूसरी महानिदेशक चिकित्सा के दफ्तर से अटैच हैं। जबकि शनिवार को डा. मोनिका ही उपलब्ध थीं। इसके अलावा सिर्फ एक नर्स की यहां तैनाती है।