नई दिल्ली। राज्यसभा में हंगामे के बीच तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) पेश नहीं हो सका। जिसके बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया। अब सरकार संभवतः बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश करेगी।
गौरतलब है कि मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है। विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे।
कांग्रेस ने कहा- बिल पर सरकार देश को गुमराह कर रही
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा, ‘बिल को लेकर राजनीति विपक्ष नहीं सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि विधायी जांच के बिना कोई भी कानून पारित नहीं किया जा सकता, राज्यसभा कोई रबर स्टैंप नहीं है। इसीलिए वे फिर से इस बिल को विधायी जांच के लिए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग करते हैं।’
सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयारः रविशंकर
वहीं, सरकार की ओर से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘सरकार इस बिल पर पूरी तरह चर्चा के लिए तैयार है। ये मामला इंसानियत का है, मानवीयता का है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद कल तक भी तीन तलाक हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष का कोई सुझाव है तो हम सुनने के लिए तैयार हैं लेकिन ये बिल को लटकाएं नहीं। जो भी विपक्ष के सुझाव होंगे हम तैयार हैं।’
बिल रखे जाने से पहले हुआ हंगामा
सदन में बिल रखे जाने से पहले ही हंगामा शुरू हो गया। इसी बीच उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को (दो बजकर 10 मिनट पर) अगले 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इस दौरान संसदीय मामलों के मंत्री विजय गोयल ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस इस बिल को लेकर राजनीति कर रही है। इन लोगों की मंशा सही नहीं है, अगर मंशा ठीक हो तो सरकार बिल पर चर्चा के लिए तैयार है।
वेंकैया नायडू नहीं हैं सदन में
सभापति एम वेंकैया नायडू की सास का निधन हो गया है, इसलिए वे सदन में मौजूद नहीं हैं। उनकी जगह सदन के संचालन की जिम्मेदारी उप सभापति हरिवंश संभाल रहे हैं। वहीं, बिल को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अपने राज्यसभा सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया हुआ था। इस मुद्दे पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस के सांसदों की एक बैठक भी हुई।
लोकसभा में पास हो चुका है बिल
गुरुवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा इसे मंजूरी दी जा चुकी है। विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे। तीन तलाक पर गुरुवार को लोकसभा में मैराथन बहस हुई थी। सुबह से चली बहस में शाम को तीन तलाक पर बिल पास हो गया। इस ऐतिहासिक मौके पर भी संसद में आधे से ज्यादा सांसद गैरहाजिर थे। इसमें भी भाजपा के व्हिप जारी होने के बावजूद 30 सांसद अनुपस्थित थे।