उत्तराखण्ड

श्रमिक संगठनों की हड़ताल, 50 हजार कामगार करे रहे विरोध प्रदर्शन

देहरादून। न्यूनतम मजदूरी, नई पेंशन नीति को बंद करने, परिवहन नीति में संशोधन और श्रमिकों की तमाम मांगों को लेकर श्रमिक संगठनों के आह्वान पर उत्तराखंड में भी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। इसमें उत्तराखंड से पांच श्रमिक संगठनों से जुड़े बैंक-बीमा, ग्रुप सी के केंद्रीय कर्मचारी समेत होटल व फैक्ट्रियों आदि के 50 हजार से अधिक कामगार कार्य से विरत हैं। वहीं, सिटी बस, ऑटो-बिक्रम, टैक्सी यूनियनों ने भी हड़ताल का समर्थन करते हुए इसका हिस्सा बनने की बात कही है।

आइएसबीटी परिसर में आयोजित सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) की बैठक में जिला संयोजक ने कहा कि श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को उत्तराखंड में भरपूर समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि हड़ताल पर रहते हुए विभिन्न श्रमिक संगठनों से जुड़े कामगार गांधी पार्क में एकत्र होंगे और फिर घंटाघर तक रैली निकाली जाएगी। इसी तरह बैंक-बीमा समेत केंद्रीय संस्थानों व कई अन्य प्रतिष्ठानों से जुड़े कामगार अपने-अपने स्थानों पर भी आंदोलन करेंगे।

इन्होंने दिया हड़ताल को समर्थन दून ऑटो रिक्शा यूनियन, ऑटो रिक्शा संघर्ष समिति, जिला देहरादून ड्राइवर कंडक्टर यूनियन, मैक्सी कैब टैक्सी वर्कर्स यूनियन, विक्रम यूनियन, कमांडर जीप यूनियन, महानगर बस सेवा, दून टैक्सी चालक यूनियन, दून टैक्सी ऑनर्स एसोसिएशन आदि ने परिवहन सेक्टर की रक्षा का आह्वान करते हुए 16 सूत्री मांगों पर हड़ताल का समर्थन किया है। इनमें से ज्यादातर ने परिवहन सेवाओं को ठप रखने का भी ऐलान किया है।

परिवहन सेक्टर की यह हैं प्रमुख मांगें 

  • एमवी एक्ट संशोधन को वापस लिया जाए।
  • गैर संगठित सड़क परिवहन मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाए। -परिवहन वाणिज्यिक चालकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराया जाए।
  • थर्ड पार्टी बीमा की राशि को कम किया जाए।
  • पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
  • प्रीफैब्रिकेटेड बसों पर जीएसटी दर कम की जाए।
  • उत्तराखंड में चलने वाले पुराने वाहनों में स्पीड गवर्नर की बाध्यता समाप्त हो।5000 बैंक कर्मी नहीं करेंगे काम उत्तराखंड में उत्तरांचल बैंक इंपलॉइज यूनियन से जुड़े करीब पांच हजार बैंक कार्मिक दो दिवसीय हड़ताल का हिस्सा हैं। यूनियन के महामंत्री जगमोहन मेंदीरत्ता ने बताया कि सभी बैंक कार्मिक अनिकांत पैलेस स्थित कैनरा बैंक पर एकत्रित हुए। इसके बाद सभी कर्मी गांधी पार्क पहुंचेंगे और श्रमिक संगठनों की रैली में भाग लिया। इसी तरह बीमा सेक्टर के सैकड़ों कर्मी भी हड़ताल में शरीक हुए।

    ओएनजीसी गेट पर प्रदर्शन 

    ओएनजीसी कॉन्ट्रेक्ट इंपलॉइज यूनियन से जुड़े करीब 800 कार्मिकों ने हड़ताल का ऐलान करते हुए दोपहर एक बजे मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। वहीं, बुधवार को कर्मी काम पर रहते हुए काला फीता बांधकर प्रदर्शन करेंगे।

    सात हजार केंद्रीय कर्मी करेंगे प्रदर्शन 

    आयकर विभाग, डाक विभाग, सर्वे ऑफ इंडिया समेत करीब एक दर्जन केंद्रीय संस्थानों के प्रदेशभर के छह हजार कर्मी (ग्रुप सी) भी दो दिवसीय हड़ताल का हिस्सा बनेंगे। आयकर कर्मचारी महासंघ के क्षेत्रीय सचिव विरेंद्र कुमार ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारी एवं कामगार परिसंघ के आह्वान पर हड़ताल की जा रही है। आयकर कर्मी सुभाष रोड स्थित आयकर भवन में आंदोलन करेंगे। इसी तरह अन्य विभागों के कार्मिक भी अपने-अपने कार्यालयों में विरोध-प्रदर्शन करेंगे।

    श्रमिक संगठनों की ये हैं मांगें 

    • न्यूनतम मजदूरी को 18 हजार रुपये मासिक किया जाए।
    • नई पेंशन योजना को समाप्त किया जाए।
    • सभी रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती हो।
    • मृतक आश्रितों की नियुक्ति को पांच फीसद सीलिंग को समाप्त किया जाए।
    • समूह ख व ग के कार्यरत सभी कार्मिकों को पूरी सेवा में पांच समयबाधित पदोन्नति मिले।
    • होटल कर्मियों को ईपीएफ व ईएसआइ की सुविधा मिले।
    • सरकारी विभागों को समाप्त न किया जाए और उनमें आउटसोर्सिंग व ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाए।

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